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कुछ जीवों की उम्र छोटी तो कुछ की लंबी होती, जानिए क्यों

BY: Suman Tiwari • LAST UPDATED : June 25, 2022, 1:00 pm IST
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कुछ जीवों की उम्र छोटी तो कुछ की लंबी होती, जानिए क्यों

Why do Some Organisms Have a Short Life And Some Have a Long Life

इंडिया न्यूज (Why do Some Organisms Have a Short Life And Some Have a Long Life)
क्या आपको पता है कुछ जीवों का जीवन लंबा और कुछ का छोटा क्यों होता है। अभी बीते दिनों वैज्ञानिकों ने चिरकाल तक युवा बने रहने का राज ढूंढ़ लिया है। उन्होंने शोध में ठंडे खून वाली प्रजातियों के बूढ़े होने से बचने के प्रमाण प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने पाया कि कछुए, मगरमच्छ आदि जंतुओं के उम्र बढ़ने की दर बेहद कम है। तो चलिए जानते हैं ऐसा क्यों होता है।

कितनी प्रजातियों पर हुआ शोध?

कछुओं को एक लंबा जीवन जीते हुए सुना जाता है। 190 साल की उम्र में सेशेल्स का जोनाथन नामक विशाल कछुआ भूमि का सबसे उम्रदराज प्राणी माना जाता है। लेकिन कुछ जानवर दूसरों की तुलना में अधिक समय तक क्यों जीवित रहते हैं। इस सवाल का जवाब जानने के लिए वैज्ञानिकों ने सरीसृपों और उभयचरों की 77 विभिन्न प्रजातियों के दीर्घकालिक डेटा का उपयोग किया। ये सभी ठंडे खून वाले जीव थे।

गर्म खून वाले जीवों की जल्दी क्यों होती है मौत

जानवर जो छोटे और गर्म रक्त वाले होते हैं। जैसे कि चूहे, छोटी उम्र के होते हैं। क्योंकि उनका चयापचय तेज होता है और कछुए की उम्र धीरे बढ़ती है। क्योंकि उनका चयापचय धीमा होता है। इस तर्क से ठंडे खून वाले जानवरों में समान आकार के गर्म खून वाले जीवों की तुलना में कम चयापचय होना चाहिए। वैज्ञानिकों ने पाया कि ठंडे खून वाले जानवर समान आकार के गर्म खून वाले जानवरों की तुलना में जल्दी बूढ़े नहीं होते हैं।

क्या ठंडे खून वाले दीघार्यु होते?

इन आंकड़ों की तुलना गर्म खून वाले जानवरों की मौजूदा जानकारी से की गई और उम्र बढ़ने के बारे में कई अलग-अलग विचार सामने आए। शोध के दौरान पाया गया कि ठंडे खून वाले जानवर जैसे मेंढक, सैलामैंडर और सरीसृप लंबे समय तक जीवित रहते हैं। क्योंकि उनकी उम्र बढ़ने की रफ्तार धीमी होती है। इन जानवरों को अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए बाहरी तापमान पर निर्भर रहना पड़ता है। परिणामस्वरूप उनके चयापचय धीमें होते हैं (जिस दर पर वे जो खाते हैं और पीते हैं उसे ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं)।

पर्यावरण का पड़ता है असर

एक अन्य संबंधित सिद्धांत यह निकाला गया कि पर्यावरणीय तापमान भी जीवों की बड़ी उम्र के लिए एक चालक हो सकता है। जैसे कि ठंडे इलाकों में जानवर अधिक धीरे-धीरे भोजन संसाधित करते हैं और उनमें निष्क्रियता की अवधि होती है, जैसे हाइबरनेशन में- जिससे जीवनकाल में समग्र वृद्धि होती है। इस हिसाब से ठंडे क्षेत्रों में ठंडे और गर्म रक्त वाले दोनों जानवर गर्म क्षेत्रों के जानवरों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहेंगे।

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