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India News(इंडिया न्यूज), Naegleria Fowleri: केरल से एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आ रही है जहां एक संक्रमण के जरिए एक 5 वर्षीय मासूम की जान चली गई। यह संक्रमण Naegleria fowleri यानी दिमाग खाने वाले अमीबा से हुआ। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं कि कैसे ये संक्रमण फैल रहा है।
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केरल में एक दुर्लभ संक्रमण ने पांच साल की बच्ची की जान ले ली। उसका primary amoebic meningoencephalitis (PAM) के लिए इलाज चल रहा था। यह नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) यानी ‘दिमाग खाने वाले अमीबा’ से होने वाला दुर्लभ संक्रमण है। इस संक्रमण ने पहले भी कई लोगों की जान ली है। ये बेहद खतरनाक है और इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। दिमाग खाने वाले यह अमीबा सभी महाद्वीपों में मिल चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह भारत समेत 16 से ज्यादा देशों में PAM की वजह घोषित हुआ है। अमेरिकन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) के अनुसार, Naegleria fowleri गर्म पानी वाली जगहों पर तेजी से फैलता है। यह नाक के जरिए इंसानी शरीर में दाखिल होता है और फिर दिमाग तक पहुंचता है। धीरे-धीरे यह दिमाग को खत्म करता रहता है और आखिर में व्यक्ति की मौत हो जाती है।
क्या है पीएएम?
Primary amebic meningoencephalitis (PAM) एक दुर्लभ तरह का दिमागी संक्रमण है जो Naegleria fowleri से होता है। Naegleria fowleri मुक्त अवस्था में पाया जाने वाला, एक कोशिकीय जीव है। यह पूरी दुनिया में गर्म ताजे पानी और मिट्टी में पाया जाता है। नाक के जरिए शरीर में दाखिल होकर यह लोगों को संक्रमित करता है। Naegleria fowleri अमीबा झीलों और नदियों, स्विमिंग पूल, स्पलैश पैड, सर्फ पार्क जैसी जगहों पर मिल सकता है। खराब मेंटेनेंस वाली जगहों पर ऐसे अमीबा मिलने की संभावना ज्यादा होती है।
Naegleria fowleri नाक के जरिए शरीर में घुसता है, आमतौर पर तैराकी के समय। फिर यह दिमाग में पहुंचता है और टिश्यू को नष्ट करना शुरू कर देता है। यह अमीबा दिमाग में सूजन पैदा करता है। कोझिकोड (केरल) वाले केस में, यह कहा जा रहा है कि बच्ची एक लोकल नदी में नहाते समय संक्रमित हुई। 1 मई को उसके चार और बच्चों ने भी नदी में स्नान किया था लेकिन सिर्फ इसी में लक्षण दिखे। बाकी बच्चों के टेस्ट नेगेटिव रहे। Naegleria fowleri का संक्रमण पीने के पाने से नहीं होता और यह एक इंसान से दूसरे में भी नहीं फैलता।
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