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India News (इंडिया न्यूज), Shani Sade Sati 2025: ज्योतिष में शनि को एक मुख्य ग्रह की उपाधि प्राप्त है। अक्सर शनि के बारे में सुनते ही लोगों के अंदर डर देखने को मिलता है। ज्योतिष के अनुसार शनिदेव को न्याय और कर्म के फलदाता माना जाता है। शनि सभी 9 ग्रहों में सबसे कम गति से चलते हैं। इसलिए ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि, उनका अच्छा हो या बुरा प्रभाव दोनों ही जातकों को धीरे और लंबे समय तक मिलता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम तीन बार साढ़ेसाती का सामना कराता है। शनि की गति धीमी होने की वजह से यह एक राशि में लगभग ढाई से 3 साल तक गोचर करते हैं। शनि देव फ़िलहाल अपनी मूल त्रिकोणीय राशि कुंभ में बैठे हैं। साल 2025 में शनि देव कुम्भ से मीन राशि में विराजमान होंगें। इस लेख के द्वारा आज हम आपको शनि की साढ़ेसाती से जुड़े हर एक सवाल का जवाब देंगें साल 2025 में किन राशियों पर साढ़ेसाती लगेगी इसके बारे में भी बताएंगे।
शनि को ज्योतिष में एक प्रमुख स्थान मिला हुआ है। शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है, इसीलिए हरेक व्यक्ति के जीवन में तीन बार साढ़ेसाती लगती है। शनि की यह साढ़ेसाती साढ़े सात साल तक रहती है। शनिदेव किसी एक राशि में ढाई साल तक विरजमान रहते हैं इस प्रकार शनि को किसी एक राशि का चक्र पूरा करने में 30 साल लग जाते हैं। जिस भी राशि पर शनि विरजमान होते हैं उसी पर साढ़ेसाती लगती है और उसके आगे पीछे जो भी राशि मौजूद होती है उस पर भी साढ़ेसाती लगती है। शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में होती है – चढ़ती साढ़ेसाती, चलती साढ़ेसाती और उतरती साढ़ेसाती। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साढ़ेसाती का प्रत्येक चरण ढाई साल लम्बा होता है इसी प्रकार जब तीनों चरणों को जोड़ा जाता है तो उठें साढ़ेसाती कहा जाता है। आइये इन तीनों चरणों के बारे में विस्तार से जानें।
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मनुष्य के जन्म राशि से पहले जो राशि होती है उसमें शनि विराजमान होता है तो साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। इसे साढ़ेसाती का पहला चरण कहा जाता है।
यदि शनि गोचर होने के बाद किसी भी राशि में विरजमान होते हैं तो इसे ही शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण कहा जायेगा। ऐसा कहा जाता है कि साढ़ेसाती का यह दूसरा चरण कष्टों से भरा हुआ है।
जिस समय शनि गोचर करते हुए जन्म राशि से बाहर निकलते हैं और दूसरी राशि में जाते हैं तो इसे ही साढ़ेसाती का तीसरा चरण कहा गया है।
वर्ष 2025 में शनि जब दूसरी राशि में विराजमान होंगे तब मेष राशि पर साढ़ेसाती के पहले चरण की शुरुआत हो जाएगी। तो दूसरी तरफ मीन राशि वाले जातकों पर साढ़ेसाती के दूसरे चरण की शुरुआत होगी तो वहीं कुंभ राशि वाले जातकों पर साढ़ेसाती का यह अंतिम और तीसरा चरण होगा। यदि हम बात करें कि साढ़ेसाती किस राशि की खत्म हो रही है तो शनि के वर्ष 2025 में मीन राशि में गोचर कर लेने के कारण फ़िलहाल मकर राशि पर चल रही शनि की साढ़ेसाती का अंत हो जायेगा।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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