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क्यों बंद रहते हैं ताजमहल के 22 तहखानें? जानें मोहब्बत की निशानी का होश उड़ाने वाला रहस्य

Pankaj Namdev • LAST UPDATED : October 2, 2024, 12:22 pm IST
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क्यों बंद रहते हैं ताजमहल के 22 तहखानें? जानें मोहब्बत की निशानी का होश उड़ाने वाला रहस्य

Mystery Of Taj Mahal: ताजमहल का रहस्य

India News (इंडिया न्यूज़), Mystery Of Taj Mahal: आगरा का ताजमहल, दुनिया के 7 अजूबो में से एक है  भारत की ये शानदार इमारत गवाह है मुहब्‍बत की। एक राजा की अपनी रानी से बेइंतहा मुहब्‍बत की निशानी के रूप में जानी जाने वाली ये इमारत अपने में कई राज समेटे हुए है। इतिहास में दर्ज इबारतें बताती हैं कि ताजमहल बनने के दौरान क्‍या-क्‍या नहीं हुआ था। अपनी भव्‍यता, सुंदरता, खूबसूरत कारीगरी की मिसाल इस इमारत ताजमहल को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी प्‍यारी रानी मुमताज के लिए बनवाया था। लेकिन प्रेम कहानी से इतर इस ताजमहल की एक और कहानी है। इससे छुपे ऐसे राज और रहस्‍य हैं जो इस सफेद चमचमाती इमारत के काले रहस्‍यों को उजागर करती है।

क्‍या मंदिर था ताजमहल ?

पिछले कुछ दशकों से ताजमहल को लेकर भी बहस छिड़ी हुई है। ऐसी जानकारी सामने आई है जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए हैं। जानकारी के मुताबिक ताजमहल को बनवाने का मकसद कोई प्रेम कहानी नहीं बल्कि एक कुत्सित दमनकारी सोच थी। जो एक हिंदू मंदिर का अस्तित्‍व खत्‍म करने के लिए गढ़ी गई थी। दरअसल विवाद ये है कि दुनिया का यह सातवां अजूबा ताजमहल क्‍या वास्तव में ताजमहल है या फिर ये था एक हिंदू मंदिर तेजो महालय। ये विवाद शुरू हुआ है ताजमहल के उन 22 तहखानों से जो सदियों से बंद ही पड़े हैं। इन तहखानों रहस्‍य कोई नहीं जानता, कोई जानना चाहे भी तो नहीं जान सकता क्‍योंकि यहां जाना मना है।

तहखाने में क्‍यो हैं लोगों के जाने की मनाही ?

इन बंद तहखानों पर कुछ कुछ सिद्धांतकार मानते हैं कि, ताजमहल के ये तहखाने शुद्ध मार्बल से बनाए गए हैं। अगर यहां कार्बन डाई ऑक्‍साइड की मात्रा अधिक होगी तो वो कैल्शियम कार्बोनेट में बदल जाएंगे। जिससे ताजमहल की दीवारों पर असर पड़ेगा और वो कमजोर हो जाएंगी। इसलिए इन बेसमेंट के कमरों में किसी को आने की इजाजत नहीं। विज्ञान की थ्‍योरी से अलग इन तहखानों को बंद करने के पीछे एक और कारण बताया जाता है। कहा जाता है कि तहखाने में दफन मुमताज का शरीर आज भी वैसा ही जैसा मरने के वक्‍त था। मुमताज़ महल के शरीर एक खास यूनानी पद्धति के साथ संरक्षित किया गया था। इसलिए वो अब भी वैसी ही है जैसी मरने के वक्‍त थी।

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तहखाने में हिंदू मूर्तियों का दिखना?

1934 में दिल्‍ली के रहने वाले एक शख्‍स ने दावा किया था कि उसने दीवारों में एक छेद के जरिए तहखाने के अंदर झांका था। उसने एक कमरे को देखा जो एक बड़े हॉल की तरह था, उसमें ढेर सारे स्‍तंभी थे। उन स्‍तंभों में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी गई थीं। ये सब देखकर वह व्‍यक्ति चौंक गया। लेकिन आगे का नजारा और भी विस्‍मयकारी था। इस शख्‍स के अनुसार कमरे में रौशनदानियां बनी हुई थी बिलकुल वैसी ही जैसे हिंदू मंदिरों में देखने को मिलती है। इन रौशनदोनों को संगमरमर से ढका गया था। जैसे कुछ छुपाने की कोशिश की गई हो।

बहरहाल सच क्‍या है ये किसी को नहीं पता। कहा जाता है कि दंगों से बचने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 22 कमरों को इसलिए बंद रखा है ताकि इसकी असलियत कभी किसी के सामने ना आए।

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