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देश के ऐसे 5 कमांडो फोर्सेस जो दुश्मनों के लिए समय आने पर बन जाते हैं यमराज, ऐसी है पावर?

PUBLISHED BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : September 10, 2024, 9:01 pm IST
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देश के ऐसे 5 कमांडो फोर्सेस जो दुश्मनों के लिए समय आने पर बन जाते हैं यमराज, ऐसी है पावर?

5 Powerfull Commando Forces: भारत की ये पांच कमांडो फोर्सेस देश की सुरक्षा का मजबूत स्तंभ हैं। इनकी बेहतरीन ट्रेनिंग, साहस, और देशभक्ति इन्हें देश के लिए अमूल्य बनाती हैं।

India News (इंडिया न्यूज़), 5 Powerfull Commando Forces: भारत की सुरक्षा के लिए कुछ चुनिंदा कमांडो फोर्सेस को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। ये फोर्सेस दुश्मनों के लिए काल साबित होती हैं और हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहती हैं। इनकी ट्रेनिंग और काबिलियत इन्हें बाकी सैनिक बलों से अलग और खास बनाती हैं। आइए जानें इन 5 शक्तिशाली कमांडो फोर्सेस के बारे में विस्तार से:

1. NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) – ब्लैक कैट कमांडो

स्थापना: 1984

मुख्य भूमिका: आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन्स, हाईजैकिंग रोकना, वीआईपी सुरक्षा
NSG, जिसे आमतौर पर “ब्लैक कैट कमांडो” के नाम से जाना जाता है, भारत की सबसे अहम और अत्यधिक प्रशिक्षित सुरक्षा बलों में से एक है। इसका गठन विशेष रूप से आतंकवादी हमलों का सामना करने के लिए किया गया था। ये कमांडो असाधारण फुर्ती, कुशलता और सटीकता के लिए जाने जाते हैं।

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NSG कमांडो को बेहद खतरनाक और संवेदनशील ऑपरेशन्स में लगाया जाता है, जैसे कि 26/11 का मुंबई हमला, जहां इन्होंने अपनी असाधारण काबिलियत का प्रदर्शन किया था। इन्हें वीआईपी और वीवीआईपी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी दी जाती है। इन्हें एयरपोर्ट्स, रेलवे स्टेशनों और बड़े आयोजनों की सुरक्षा में भी तैनात किया जाता है।

2. मार्कोस (Marine Commandos)

स्थापना: 1987

मुख्य भूमिका: समुद्री और जलीय ऑपरेशन्स, आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन्स
मार्कोस, जिसे ‘मरीन कमांडो’ कहा जाता है, इंडियन नेवी की खास कमांडो यूनिट है। ये कमांडो जल, थल और वायु में लड़ने के लिए प्रशिक्षित होते हैं, और इन्हें सबसे कठोर ट्रेनिंग दी जाती है। मार्कोस नेवी के साथ जुड़े रहते हुए समुद्री सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं।

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इनका काम समुद्री आतंकवादियों, समुद्री डकैती, और भारतीय जल सीमा की सुरक्षा करना होता है। इनके ऑपरेशन्स में 2008 के मुंबई हमले के दौरान ताज होटल में बंधकों को बचाने का काम भी शामिल है। मार्कोस की ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है कि हर 100 में से केवल कुछ चुनिंदा जवान ही इसे पूरा कर पाते हैं।

3. पैरा एसएफ (Para Special Forces)

स्थापना: 1966

मुख्य भूमिका: आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन्स, उच्च-जोखिम मिशन, युद्ध के मैदान में विशेष ऑपरेशन्स
पैरा एसएफ भारतीय सेना की सबसे स्पेशल फोर्स यूनिट्स में से एक है। ये कमांडो हर परिस्थिति में लड़ने के लिए प्रशिक्षित होते हैं, चाहे वह रेगिस्तान हो, ऊंचे पहाड़ हों या घने जंगल। ये आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन्स, खोज और बचाव मिशन, और खुफिया ऑपरेशन्स में माहिर होते हैं।

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पैरा एसएफ कमांडो को विशेष रूप से युद्ध की स्थिति में दुश्मन के इलाके में घुसपैठ करके महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों को नष्ट करने की ट्रेनिंग दी जाती है। ये कमांडो कई कठिन मिशनों का हिस्सा रहे हैं, जैसे कि सर्जिकल स्ट्राइक और करगिल युद्ध। उनकी ट्रेनिंग में पैराशूट जंप, गोरिल्ला युद्ध, और उच्च-जोखिम की स्थितियों में खुद को जीवित रखना शामिल है।

4. SPG (Special Protection Group)

स्थापना: 1985

मुख्य भूमिका: प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा
SPG एक ऐसी कमांडो फोर्स है, जिसे खासतौर पर भारत के प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। SPG कमांडो की ट्रेनिंग और काबिलियत इन्हें वीआईपी सुरक्षा के क्षेत्र में सबसे विशिष्ट बनाती है।

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SPG के जवानों को हर प्रकार की सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है, चाहे वह किसी भी स्तर की हो। इन्हें न केवल शारीरिक रूप से मजबूत होना पड़ता है, बल्कि मानसिक रूप से भी अत्यधिक सतर्क और तेज होना आवश्यक है। इनके पास उच्च तकनीक के हथियार और अत्याधुनिक उपकरण होते हैं, जिनकी मदद से ये वीआईपी की सुरक्षा में हर प्रकार की परिस्थिति का सामना कर सकते हैं।

5. कोबरा (Commando Battalion for Resolute Action)

स्थापना: 2009

मुख्य भूमिका: नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स, गुरिल्ला युद्ध
कोबरा कमांडो फोर्स, सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) की एक विशेष यूनिट है, जिसे नक्सल प्रभावित इलाकों में गुरिल्ला युद्ध और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इनकी खासियत है कि ये घने जंगलों और कठिन इलाकों में ऑपरेशन्स करने में माहिर होते हैं।

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कोबरा फोर्स को खासतौर पर जंगलों में युद्ध करने और दुश्मन पर त्वरित हमला करने की ट्रेनिंग दी जाती है। इनकी फुर्ती, खुफिया जानकारी का इस्तेमाल और तेजी से निर्णय लेने की क्षमता इन्हें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सफल बनाती है। ये कमांडो विभिन्न प्रकार के आधुनिक हथियारों और विशेष गुरिल्ला रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे वे नक्सलियों के खिलाफ अपनी लड़ाई में सफल होते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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