India News (इंडिया न्यूज़), Causes Of Dementia: डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति है जो ब्रेन फंक्शन, जैसे कि मेमोरी, सोचने और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर वृद्धावस्था में देखने को मिलता है, लेकिन कुछ दवाइयां भी इस स्थिति के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। हालाँकि ये दवाइयाँ तुरंत असर में सुरक्षित प्रतीत हो सकती हैं, लेकिन लंबे समय तक इनका सेवन करने से ब्रेन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं उन पांच सामान्य दवाइयों के बारे में जो डिमेंशिया का कारण बन सकती हैं।
1. बेनाड्रिल (Benadryl)
बेनाड्रिल एक सामान्य एंटीहिस्टामाइन है, जिसका उपयोग एलर्जी, सर्दी-खांसी, और नींद की समस्याओं के इलाज में किया जाता है। यह दवा ब्रेन में एक प्रकार की जटिलता उत्पन्न कर सकती है, जिससे बुजुर्गों में डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है। इसके प्रभाव से मेमोरी और संज्ञानात्मक कार्य में कमी हो सकती है, और अगर इसका लंबे समय तक उपयोग किया जाए तो इसका दिमागी स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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2. ओपिओइड्स (Opiates)
ओपिओइड्स, जैसे मॉर्फिन, कोडीन, और हाइड्रोकोडोन का उपयोग दर्द निवारक के रूप में किया जाता है। हालांकि ये दवाइयाँ तुरंत राहत प्रदान करती हैं, लेकिन लंबे समय तक इनका सेवन ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटरों को प्रभावित कर सकता है। इससे मानसिक स्थिति में बदलाव आ सकता है और डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है। ओपिओइड्स के दुरुपयोग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
3. ओमेप्राजोल (Omeprazole)
ओमेप्राजोल एक प्रोटोन पंप इनहिबिटर है, जिसका उपयोग गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) और पेट की अन्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है। यह दवा पेट में एसिडिटी को कम करने के लिए काम करती है, लेकिन इसका नियमित सेवन ब्रेन पर भी असर डाल सकता है। लंबे समय तक ओमेप्राजोल का उपयोग मानसिक स्थिति और संज्ञानात्मक कार्यों को प्रभावित कर सकता है, जिससे डिमेंशिया का जोखिम बढ़ सकता है।
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4. बेंजोडायजेपिन्स (Benzodiazepines)
बेंजोडायजेपिन्स, जैसे डायजेपाम (वैलियम) और अल्प्राजोलाम (जेनक्स), चिंता और अनिद्रा के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये दवाइयाँ तुरंत राहत प्रदान करती हैं, लेकिन यदि लंबे समय तक इनका सेवन किया जाए तो यह मानसिक कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। बेंजोडायजेपिन्स के उपयोग से याददाश्त में कमी, मानसिक भ्रम, और डिमेंशिया जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। वृद्ध व्यक्तियों में इस दवा के सेवन से विशेष रूप से डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है।
5. ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स (Tricyclic Antidepressants)
ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स, जैसे एमिट्रिप्टीलिन और इमिपरामाइन, पुराने डिप्रेशन और चिंता के इलाज में उपयोग की जाती हैं। ये दवाइयाँ मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटरों को प्रभावित करती हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर इन दवाइयों का दीर्घकालिक सेवन किया जाए, तो इससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली कमजोर हो सकती है, और डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है।
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इन दवाइयों का उपयोग, विशेष रूप से जब उन्हें लंबे समय तक लिया जाए, डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकता है। यदि आप इनमें से किसी दवा का सेवन कर रहे हैं और आपको संज्ञानात्मक समस्याएँ या मानसिक स्थिति में बदलाव महसूस हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना बेहद महत्वपूर्ण है। साथ ही, दवाइयों के उपयोग में किसी भी प्रकार का बदलाव करने से पहले चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए, ताकि दवाइयों के प्रभाव को सही तरीके से समझा जा सके और स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डाला जा सके।