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शिया-सुन्नी के अलावा और कितने पंथ में बंटा है मुसलमान धर्म…किसका कितना है महत्व?

Prachi Jain • LAST UPDATED : October 2, 2024, 12:51 pm IST
शिया-सुन्नी के अलावा और कितने पंथ में बंटा है मुसलमान धर्म…किसका कितना है महत्व?

Islam: इस्लाम धर्म की विविधता इसे और भी समृद्ध बनाती है। मुसलमानों के इन विभिन्न पंथों में अपने-अपने विचार, परंपराएँ, और आस्थाएँ हैं, जो उनकी धार्मिक पहचान को दर्शाते हैं।

India News (इंडिया न्यूज), Islam: इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों को मुसलमान कहा जाता है, और ये सभी एक ही अल्लाह को मानते हैं। लेकिन, इस एकता के बावजूद मुसलमान कई पंथों में बंटे हुए हैं। यह लेख आपको मुसलमानों के चार प्रमुख पंथों—सुन्नी, शिया, सूफी, और अहमदिया—के बारे में विस्तृत जानकारी देगा।

1. सुन्नी मुसलमान (Sunni Muslim)

सुन्नी शब्द का अर्थ है “परंपरा”। इस्लाम के अनुसार, सुन्नी मुसलमान वो हैं जो अल्लाह की बातों का पालन करते हैं। यह इस्लाम की सबसे बड़ी शाखा है, जिसमें लगभग 85% मुसलमान शामिल हैं। सुन्नी मुसलमान विभिन्न वर्गों में विभाजित हैं:

  • हऩाफी (Hanafi): यह वर्ग इमाम अबु हनिफा के विचारों को मानता है। भारत, पाकिस्तान, और बांग्लादेश के अधिकांश सुन्नी मुसलमान इस पंथ का अनुसरण करते हैं।
  • मालिकी (Maliki): यह इमाम मालिक के सिद्धांतों को मानता है। उत्तरी अफ्रीका के देशों में इस पंथ के अनुयायी अधिक हैं।

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  • हंबली (Hambali): इमाम अहमद बिन हंबल के विचारों का पालन करते हैं। ये मुख्यतः अरब देशों में पाई जाती है।
  • शाफ़ई (Shafi’i): यह इमाम शाफई के विचारों का पालन करता है।
  • सलफ़ी (Salafi): ये चारों पंथों से अलग एक विशेष समूह है, जो अहले हदीस का अनुसरण करता है।

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सुन्नी और शिया के बीच मुख्य अंतर पैगंबर मुहम्मद के उत्तराधिकारी को लेकर है। सुन्नी मानते हैं कि उत्तराधिकारी को सभी की सहमति से चुना जाना चाहिए, जबकि शिया का मानना है कि यह केवल पैगंबर के वंशजों से होना चाहिए।

2. शिया मुसलमान (Shia Muslim)

शिया मुसलमान इस्लाम की दूसरी सबसे बड़ी शाखा हैं। इनका मानना है कि पैगंबर मुहम्मद ने अपने चचेरे भाई अली इब्न तालिब को अपना उत्तराधिकारी चुना था। शिया मुसलमानों में कई उप-संप्रदाय हैं, और ये मुख्यतः ईरान, इराक, और भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं। भारत में, यूपी में शिया मुसलमानों की संख्या सबसे अधिक है।

3. सूफी मुसलमान (Sufi Muslim)

सूफीवाद इस्लाम की रहस्यवादी शाखा है। इसे तसव्वुफ़ के नाम से भी जाना जाता है। सूफी मुसलमान आंतरिक शुद्धिकरण और आत्मनिरीक्षण के माध्यम से अल्लाह के निकट पहुंचने का प्रयास करते हैं। वे पांच वक्त की नमाज अदा करते हैं, दान देते हैं, उपवास रखते हैं, और मक्का की यात्रा करते हैं। सूफीवाद सुन्नियों में अधिक विस्तृत है, जबकि शिया में यह एक विशेष संप्रदाय है।

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4. अहमदिया मुसलमान (Ahmadiyya Muslim)

अहमदिया समुदाय की स्थापना मिर्जा गुलाम अहमद ने की थी। ये खुद को अहमदिया कहते हैं क्योंकि इनका जन्म पंजाब के कादियान में हुआ था। अहमदिया मुसलमान मोहम्मद साहब को अंतिम पैगंबर नहीं मानते। उनका विश्वास है कि मिर्जा गुलाम अहमद मोहम्मद के बाद के नबी हैं। दुनिया भर में अहमदिया मुसलमानों की संख्या लगभग 10 से 20 मिलियन है।

निष्कर्ष

इस्लाम धर्म की विविधता इसे और भी समृद्ध बनाती है। मुसलमानों के इन विभिन्न पंथों में अपने-अपने विचार, परंपराएँ, और आस्थाएँ हैं, जो उनकी धार्मिक पहचान को दर्शाते हैं। फिर भी, सभी मुसलमानों की मूलभूत आस्था एक ही अल्लाह में है, जो इस्लाम धर्म की सबसे बड़ी विशेषता है।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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