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India News(इंडिया न्यूज), Parenting Mistakes: बच्चे हमारे जीवन का एक ऐसा मौड़ एक ऐसा पल जिनके आते ही हमारी जिंदगी मानो जैसे एक अलग ही ट्रैक ले लेती है। इनकी परवरिश में हम हर रोज़ कुछ नया सीखतें हैं। कभी हम कुछ खुद से अपने बच्चे को सिखाते हैं तो कभी किसी और के तरीकों को अपनाकर कुछ अपनी पेरेंटिंग में नया बदलाव लाते हैं। लाइफ हमें हर रोज़ कुछ नया सिखाती जरूर ही हैं। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, और अक्सर, कुछ सामान्य व्यवहार या शब्द भी उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। यहां 4 ऐसी बातें बताई गई हैं जो बच्चों को डिप्रेशन का शिकार बना सकती हैं, और जिन्हें आपको भूलकर भी उन पर नहीं थोपनी चाहिए:
बच्चों पर अत्यधिक दबाव डालना, चाहे वह अकादमिक प्रदर्शन, खेल, या अन्य गतिविधियों के लिए हो, उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
प्रभाव: अत्यधिक दबाव से बच्चे तनावग्रस्त और चिंतित महसूस कर सकते हैं, जिससे डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।
उपाय: बच्चों को उनकी क्षमता और रुचियों के अनुसार काम करने दें और उन्हें हर स्थिति में प्रोत्साहित करें।
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दूसरों से तुलना करना बच्चों की आत्म-सम्मान को कम कर सकता है और उन्हें हीनभावना से ग्रस्त कर सकता है।
प्रभाव: तुलना से बच्चे अपने आप को कमतर समझने लगते हैं, जिससे उनमें आत्म-सम्मान की कमी हो सकती है और डिप्रेशन हो सकता है।
उपाय: प्रत्येक बच्चे की विशिष्टता को स्वीकार करें और उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों की सराहना करें।
बच्चों की भावनाओं को नजरअंदाज करना या उन्हें अभिव्यक्त करने से रोकना, उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रभाव: बच्चे अपनी भावनाओं को दबा सकते हैं, जिससे वे उदास और अकेला महसूस कर सकते हैं।
उपाय: बच्चों को खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त करने का मौका दें और उनकी भावनाओं को समझें और स्वीकारें।
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बच्चों को लगातार आलोचना करना या उनकी कमियों पर ध्यान केंद्रित करना, उनके आत्म-सम्मान को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रभाव: अत्यधिक आलोचना से बच्चे निराश और असफल महसूस कर सकते हैं, जिससे डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।
उपाय: सकारात्मक प्रतिक्रिया दें और बच्चों को उनके प्रयासों के लिए प्रोत्साहित करें, न कि केवल उनके परिणामों के लिए।
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बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्हें समझने, स्वीकारने और प्रोत्साहित करने से उनके आत्म-सम्मान और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत किया जा सकता है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपकी बातों और व्यवहार से बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव पड़े और वे मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
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