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इस एक बीमारी के होते ही महिलाओं में रुक जाता है पीरियड्स का आना? शरीर को सड़ा देती है ये एक कमी

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : November 23, 2024, 10:00 am IST
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इस एक बीमारी के होते ही महिलाओं में रुक जाता है पीरियड्स का आना? शरीर को सड़ा देती है ये एक कमी

Menopause: मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ गंभीर बदलाव आते हैं।

India News (इंडिया न्यूज), Menopause: मेनोपॉज (Menopause) महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण और स्वाभाविक हिस्सा है, जब उनके शरीर में हार्मोनल बदलावों के कारण मासिक धर्म (पीरियड्स) बंद हो जाते हैं। यह स्थिति आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच होती है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह प्रक्रिया 40 के दशक में भी शुरू हो सकती है। मेनोपॉज का मुख्य कारण अंडकोष (ovaries) द्वारा अंडाणु (eggs) का उत्पादन बंद होना होता है, जिसके परिणामस्वरूप हार्मोनल असंतुलन होता है और मासिक धर्म रुक जाते हैं। इसके बाद महिला प्रजनन क्षमता (fertility) खो देती है और वह माँ नहीं बन सकती।

मेनोपॉज के संकेत

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ सामान्य बदलाव आते हैं। यह बदलाव हर महिला में अलग-अलग तरीके से होते हैं, लेकिन कुछ मुख्य संकेत होते हैं, जिन्हें पहचाना जा सकता है:

पीरियड्स में अनियमितता

मेनोपॉज की शुरुआत से पहले, महिलाओं के मासिक धर्म अनियमित हो सकते हैं। पीरियड्स का अंतराल बढ़ सकता है, कभी पीरियड्स देर से आते हैं, तो कभी बहुत जल्दी। कुछ महिलाओं को बहुत हल्के या भारी पीरियड्स भी हो सकते हैं। यह अनियमितता इस प्रक्रिया का पहला संकेत हो सकती है।

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गर्मी की लहरें (Hot Flashes)

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को अचानक गर्मी महसूस होती है, जिसे गर्मी की लहर (Hot Flashes) कहा जाता है। यह आमतौर पर चेहरे और गर्दन के आसपास अधिक महसूस होती है, और शरीर का तापमान अचानक बढ़ सकता है, जो कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रहता है।

मूड स्विंग्स और मानसिक बदलाव

हार्मोनल परिवर्तन महिलाओं को मूड स्विंग्स का अनुभव करा सकते हैं। उन्हें चिड़चिड़ापन, घबराहट, उदासी, या निराशा जैसी भावनाएं महसूस हो सकती हैं। यह मानसिक अस्थिरता भी मेनोपॉज के दौरान आम होती है।

नींद की समस्याएँ

मेनोपॉज के दौरान महिलाएं नींद की समस्याओं का सामना कर सकती हैं। गर्मी की लहरें और मानसिक तनाव के कारण रात को बार-बार उठना पड़ता है, जिससे अच्छी नींद नहीं मिल पाती। यह स्थिति शारीरिक और मानसिक थकान को बढ़ा सकती है।

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योनि में सूखापन और यौन संबंध में बदलाव

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को योनि में सूखापन (Vaginal Dryness) का सामना हो सकता है, जिससे यौन संबंध बनाने में तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा, यौन रुचि में कमी भी महसूस हो सकती है। इसके साथ ही, शरीर में वजन बढ़ने की समस्या भी देखी जाती है।

मेनोपॉज के बाद होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं

मेनोपॉज के बाद महिलाओं को कुछ और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे:

  • हड्डियों की कमजोरी: मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घटने से हड्डियों की घनता कम हो सकती है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है।
  • दिल की बीमारियाँ: हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं में दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
  • मूत्राशय की समस्या: मेनोपॉज के बाद मूत्राशय से संबंधित समस्याएँ, जैसे- बार-बार पेशाब का आना या कंट्रोल में कमी, भी हो सकती हैं।

मेनोपॉज के दौरान अपनाए जाने वाले उपाय

स्वस्थ आहार:

कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार, जैसे- दूध, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मछली और अंडे, हड्डियों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

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नियमित व्यायाम:

नियमित शारीरिक व्यायाम, जैसे- योग, चलना, और हल्का व्यायाम, महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह वजन बढ़ने की समस्या को भी कम करता है।

मनोवैज्ञानिक सहारा:

मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान, प्राणायाम, और तनाव से मुक्ति के उपाय मददगार हो सकते हैं। साथ ही, परिवार और दोस्तों से सामाजिक सहारा लेना भी महत्वपूर्ण होता है।

मेडिकल मदद:

यदि मेनोपॉज के लक्षण अत्यधिक परेशान करने वाले हों, तो डॉक्टर से परामर्श लें। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) या अन्य उपचार इस दौरान मददगार हो सकते हैं।

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मेनोपॉज एक स्वाभाविक और सामान्य प्रक्रिया है, जो हर महिला के जीवन में एक समय के बाद होती है। हालांकि, यह शारीरिक और मानसिक बदलावों के साथ आती है, लेकिन सही आहार, व्यायाम, और मानसिक सहारा से इसे बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं इस दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और डॉक्टर से मार्गदर्शन प्राप्त करें।

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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