संबंधित खबरें
रनिंग, स्किपिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, किस एक्सरसाइज से तेजी से घटता है वजन, क्या होता है सही समय और तरीका?
कैंसर-हार्ट की दिक्कत और ना जानें कितनी बिमारियों का खात्मा कर देती है रम, बस आना चाहिए पीने का सही तरीका!
जकड़ गया है गला और छाती? रसोई में पड़ी ये सस्ती देसी चीज मिनटों में करेगी चमत्कार, जानें सेवन का सही तरीका
कपकपाती ठंड में गर्म दूध के साथ इस चीज का कर लिया सेवन, एक ही झटके में फौलाद जितना मजबूत हो जाएगा शरीर
ये था विश्व का सबसे पहला कट्टर हिंदू राजा जिसने किया था एक मुगल राजकुमारी से विवाह
किस उम्र में संबंध बनाना एक कपल के लिए होता है सही, जानें सब कुछ
India News (इंडिया न्यूज़), Mughal Emperor Akbar’s Birth Place: मुगल सम्राट अकबर, जिनका जन्म 15 अक्टूबर, 1542 को हुआ था, की जन्मस्थली का ऐतिहासिक संदर्भ बहुत दिलचस्प है। अकबर का जन्म उस समय की राजनीतिक और सैन्य परिस्थितियों को उजागर करता है, जिसमें विभिन्न राजवंशों के बीच संघर्ष और सत्ता का खेल चल रहा था।
अकबर का जन्म कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ, जो वर्तमान राजस्थान में स्थित है। उस समय इस दुर्ग पर मेवाड़ के राणा कंभोज का नियंत्रण था। हालांकि, यह आमतौर पर माना जाता है कि अकबर का जन्म कुम्भलगढ़ के महल में हुआ, यह कहानी ऐतिहासिक रूप से विवादित भी है। इस समय, अकबर की माता हेममती बानो बेगम और उसके पिता सम्राट हुमायूं भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।
208 किलो वजनी तलवार से युद्ध करता था ये हिंदू राजा, जिसकी मौत पर रोया था अकबर भी?
सम्राट हुमायूं, जो अकबर के पिता थे, ने अपनी शासनकाल की शुरुआत में काफी संघर्षों का सामना किया। बाबर के पोते हुमायूं ने अपने शासन के पहले वर्षों में सत्ता खो दी थी और उसे पंजाब की ओर भागना पड़ा था। हुमायूं की कठिन परिस्थितियों में भी, उसकी पत्नी हेममती बानो बेगम ने कुम्भलगढ़ के किले में सुरक्षित स्थान ग्रहण किया, जहां अकबर का जन्म हुआ। इस समय हुमायूं और उसकी सेना की स्थिति बहुत ही दयनीय थी, लेकिन कुम्भलगढ़ के किले में अकबर के जन्म ने उनकी उम्मीदों को नया जीवन दिया।
अकबर का जन्म भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी क्योंकि उनके आगमन के साथ ही एक नई राजनीतिक धारा का आरंभ हुआ। अकबर ने आगे चलकर भारत में एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया और अपने प्रशासनिक और सैन्य कौशल के लिए प्रसिद्ध हुए। उनका शासन काल, जो ‘अकबर का स्वर्ण काल’ के नाम से जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप में सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक परिवर्तन का एक प्रमुख युग था।
भारत का ये अनोखा मंदिर जहा शिव की प्रतिमा नहीं बल्कि पूजा जाता हैं उनका अंगूठा, जानें क्यों?
अकबर के जीवन की यह कथा, विशेष रूप से उनके जन्म स्थल के संदर्भ में, उस समय की जटिल राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों को दर्शाती है। यह कहानी हमें यह भी समझने में मदद करती है कि कैसे व्यक्तिगत इतिहास और साम्राज्यवादी राजनीति भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास को आकार देते हैं। अकबर की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके शासन की उपलब्धियाँ आज भी भारतीय इतिहास में अमिट छाप छोड़ती हैं।
श्रीकृष्ण ने जानबूझकर नहीं बचाई थी अभिमन्यु की जान, ये थी बड़ी वजह?
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.