India News (इंडिया न्यूज), Bruises On Body: अगर बिना किसी कारण शरीर पर नील के निशान पड़ रहे हैं, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। यहाँ बताए गए कारणों को समझकर, आप नील के निशान पड़ने के संभावित कारणों का पता लगा सकते हैं और आवश्यक कदम उठा सकते हैं।
यह एक ब्लीडिंग डिसऑर्डर है जिसमें खून का थक्का जमने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसके कारण चोट के बिना भी नील के निशान पड़ सकते हैं। यह एक आनुवांशिक बीमारी है और इसमें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
शरीर के अंदर सड़ चुके लिवर जवान बना देती है ये हरी चीज, पुराणों में भी लिखा है इसका नाम?
विटामिन सी और विटामिन के शरीर में ब्लड क्लॉटिंग के लिए जरूरी होते हैं। इनकी कमी से शरीर पर चोट के बिना भी नील के निशान पड़ सकते हैं। विटामिन सी स्कर्वी जैसी बीमारियों को रोकता है, और विटामिन के ब्लीडिंग रोकने में सहायक होता है।
ब्लड और बोन मेरो से जुड़े इस कैंसर के कारण शरीर में रक्त का बहाव ठीक से नियंत्रित नहीं हो पाता, जिससे जगह-जगह नील के निशान पड़ सकते हैं। यदि नील के साथ-साथ थकान, कमजोरी और बार-बार इन्फेक्शन हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
अधिक शराब पीने से लिवर की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है, जिससे खून जमने में समस्या होती है और शरीर पर नील के निशान आसानी से पड़ सकते हैं। लिवर प्रोटीन के उत्पादन को भी सीमित कर सकता है, जो ब्लड क्लॉटिंग के लिए आवश्यक होता है।
खून पतला करने वाली दवाओं, जैसे कि एस्पिरिन, का लगातार सेवन ब्लीडिंग बढ़ा सकता है और नील के निशान को जन्म दे सकता है। इसलिए, जब तक चिकित्सीय सलाह न हो, इन दवाओं से बचना चाहिए।
यदि शरीर पर बार-बार नील के निशान पड़ रहे हैं, तो इन कारणों की पहचान के लिए एक चिकित्सक से परामर्श करें और आवश्यक परीक्षण कराएं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.