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भारत के नोटों पर छपी होती है कितनी भाषाएं? इस एक पर तो आपको भी हो जाएगा अचम्भा!

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : January 14, 2025, 2:03 pm IST
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भारत के नोटों पर छपी होती है कितनी भाषाएं? इस एक पर तो आपको भी हो जाएगा अचम्भा!

Languages On Indian Currency: भारत के नोटों पर छपी होती है कितनी भाषाएं

India News (इंडिया न्यूज़), Languages On Indian Currency: भारतीय करेंसी की विशेषता सिर्फ उसकी आर्थिक महत्ता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की भाषाई विविधता और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। यदि आपने कभी 100 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक के नोट ध्यान से देखे हों, तो आपने जरूर गौर किया होगा कि इन पर अलग-अलग भाषाएं लिखी होती हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, प्रत्येक नोट पर कुल 17 भाषाएं छपी होती हैं। इन भाषाओं में से 2 भाषाएं हिंदी और अंग्रेजी नोट के आगे के हिस्से में लिखी होती हैं, जबकि शेष 15 भाषाएं नोट के पीछे के हिस्से में अंकित होती हैं।

भारतीय नोट पर लिखी जाने वाली भाषाएं

भारतीय नोट पर हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 15 अन्य क्षेत्रीय भाषाएं भी छपी होती हैं। ये भाषाएं हैं:

  1. असमी
  2. गुजराती
  3. बंगाली
  4. कन्नड़
  5. कश्मीरी
  6. कोंकणी
  7. मलयालम
  8. मराठी
  9. नेपाली
  10. पंजाबी
  11. उड़िया
  12. तमिल
  13. संस्कृत
  14. तेलुगु
  15. उर्दू

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यह भाषाई विविधता भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है और हर भाषा को मान्यता देते हुए उसकी महत्ता को रेखांकित करती है।

नोटों पर भाषाओं का महत्व

भारतीय नोटों पर विभिन्न भाषाओं का अंकन न केवल भारत की बहुभाषीय संस्कृति का सम्मान करता है, बल्कि यह देश के प्रत्येक नागरिक को यह एहसास कराता है कि उनकी भाषा का भी उतना ही महत्व है।

  1. राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक: भारतीय नोट पर भाषाओं की उपस्थिति इस बात का प्रतीक है कि भारत विविधताओं में एकता का देश है।
  2. नकली नोट पहचानने में मदद: भारतीय नोटों पर कुल 17 भाषाएं छपी होती हैं। यदि किसी नोट पर 15 से कम क्षेत्रीय भाषाएं अंकित हैं, तो यह नकली नोट हो सकता है। यह जानकारी आम जनता को नकली नोटों को पहचानने में सहायक होती है।
  3. भाषाई समावेश: देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों के लिए उनकी मातृभाषा में नोट पर लिखावट देखना गर्व की बात होती है। यह उन्हें भारत की मुख्यधारा का हिस्सा महसूस कराता है।

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नोटों पर भाषाओं की स्थिति

नोट के अग्रभाग में हिंदी और अंग्रेजी भाषा में मूल्य अंकित होता है। उदाहरण के लिए, “सौ रुपय” (हिंदी में) और “Hundred Rupees” (अंग्रेजी में)। वहीं, पिछले हिस्से में क्षेत्रीय भाषाओं में मूल्य लिखा होता है, जैसे बंगाली में শতম রুপেয়।

भारतीय करेंसी पर अंकित भाषाएं केवल आर्थिक लेन-देन का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विविधता, राष्ट्रीय एकता और भाषाई समावेश का प्रतीक भी हैं। इन भाषाओं की जानकारी न केवल देश की बहुभाषीय पहचान को समझने में मदद करती है, बल्कि नकली नोटों को पहचानने में भी सहायक होती है। यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है कि उनके देश की करेंसी उनकी भाषा और संस्कृति का सम्मान करती है।

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इसलिए, अगली बार जब आप भारतीय नोट देखें, तो उस पर छपी भाषाओं पर गौर करें और भारत की भाषाई विविधता का आनंद लें।

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