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India News (इंडिया न्यूज), Bihar Tourism: भारत के बिहार राज्य में एक ऐसा गांव है, जहां लोग सूर्योदय से पहले पूरे गांव का चक्कर लगाते हैं। आमतौर पर जहां लोग अपने दिन की शुरुआत अपनी दिनचर्या से करते हैं, वहीं बिहार के एक गांव में लोग सुबह उठते ही गांव का चक्कर लगाना शुरू कर देते हैं। ग्रामीणों का यह काम सूरज उगते ही शुरू हो जाता है। हालाँकि, यह सिलसिला सिर्फ एक या दो दिन का नहीं बल्कि पिछले एक साल से चल रहा है।
दरअसल, यह पूरा मामला बिहार के जमुई जिले के खैरा प्रखंड के घनबेरिया गांव का है। इस गांव के लोग सुबह 4 बजे उठ जाते हैं, जिसके बाद वे रोजाना गांव का चक्कर लगाते हैं। वे अपनी साइकिल पर लाउडस्पीकर लगाकर मंत्रोच्चारण और भजन करते हैं। इस गांव की ये अनोखी परंपरा पिछले एक साल से चली आ रही है। हालांकि ऐसा करने के पीछे का मकसद गांव में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखना है।
पहले इस भ्रमण में गांव के कुछ ही लोग शामिल होते थे। लेकिन अब इसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोग जुड़ गए हैं, जो रोज सुबह 4 बजे इस सफर पर निकल पड़ते हैं। उनकी यात्रा करीब डेढ़ घंटे तक चलती है, जो गांव के एक मंदिर परिसर में आरती के साथ समाप्त होती है। इसमें नौकरीपेशा लोगों से लेकर मजदूर और किसान तक सभी शामिल हैं। ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि गांव के लोगों का ये प्रयास बहुत अच्छा है।
इस बात से बिल्कुल भी इंकार नहीं किया जा सकता कि जिस वातावरण में हम रहते हैं उसका हमारे स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। गांव की सुख-शांति और समृद्धि के लिए की गई इस पहल का उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य से भी जुड़ा है। दरअसल, जब लोगों के कानों में पहली बार भगवान का नाम पड़ता है तो इससे मन को शांति मिलती है और राहत भी मिलती है।
इस गांव के लोगों का कहना है कि जब लोग सुबह-सुबह भगवान को याद करने के बहाने टहलने निकलते हैं तो इससे न सिर्फ वहां के लोगों को फायदा हो रहा है बल्कि उनकी सेहत पर भी अच्छा असर पड़ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि सुबह टहलना सेहत के लिए अच्छा होता है। हम तरोताजा महसूस कर पाते हैं। हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। साथ ही बीमारियां भी हमसे कोसों दूर रहती हैं। इस प्रयास से न सिर्फ हमें बल्कि पशु-पक्षियों को भी फायदा होता है।
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