नेपाल की भौगोलिक स्थिति:
नेपाल की भौगोलिक स्थिति ने इसे एक कठिन दुर्ग बना दिया था। नेपाल में दुनिया की दस सबसे ऊंची चोटियों में से आठ स्थित हैं, जिनमें माउंट एवरेस्ट (जो सबसे ऊंची चोटी है) भी शामिल है। यह विशाल पर्वत श्रृंखला नेपाल के प्रत्येक कोने को सुरक्षा प्रदान करती थी, और यहां की ऊंची पहाड़ियां मुगलों के लिए एक बड़ी चुनौती थीं। मुगलों के पास मुख्य रूप से हाथी, घोड़े और ऊंट जैसी ताकतवर सेनाएं थीं, जो पहाड़ी इलाकों में संघर्ष करने में सक्षम नहीं थीं। इन सैनिकों को कठिन और संकरे पहाड़ी रास्तों पर परिवर्तित करना लगभग असंभव था।
प्राकृतिक चुनौतियां और सैन्य सामर्थ्य:
नेपाल का rugged (दुर्गम) भूगोल और पहाड़ी रास्ते मुगलों के विशाल सेना के लिए बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं थे। मुगलों की सेना को विशेष रूप से मैदानों और खुली भूमि पर लड़ने का अभ्यास था, जहां घोड़े और हाथियों का उपयोग फायदेमंद साबित होता था। लेकिन नेपाल की संकरी, ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों पर इन जानवरों का उपयोग करने में बड़ी मुश्किलें आती थीं। यही कारण था कि मुगलों ने नेपाल पर आक्रमण करने की योजना पर विचार नहीं किया, क्योंकि यहां उनकी ताकत के बड़े हिस्से को प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करना मुश्किल था।
जलवायु की चुनौतियां:
नेपाल की जलवायु भी एक बड़ी रुकावट थी। मुगलों को न केवल भौगोलिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता था, बल्कि नेपाल के मौसम और जलवायु परिस्थितियों को भी समझना और उनके अनुसार खुद को ढालना एक कठिन कार्य था। नेपाल का ऊँचा इलाका और शीतल मौसम मुगलों के लिए असहनीय हो सकता था, खासकर जब उनका सैनिकों का आधार मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में था।
ब्रिटिशों की भी असफलता:
नेपाल की भौगोलिक चुनौतियां न केवल मुगलों के लिए, बल्कि ब्रिटिश साम्राज्य के लिए भी एक बड़ी रुकावट बनीं। ब्रिटिशों ने 1814-1816 के दौरान नेपाल के खिलाफ युद्ध शुरू किया था, जिसे अंग्रेज-नेपाल युद्ध (Anglo-Nepalese War) कहा जाता है, लेकिन नेपाल के कठिन भौगोलिक इलाके और शानदार युद्ध कौशल के कारण ब्रिटिशों को भी भारी नुकसान हुआ। युद्ध के अंत में ब्रिटिशों को नेपाल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने पड़े और नेपाल की स्वतंत्रता बरकरार रही।
नेपाल का रणनीतिक महत्व:
नेपाल, जो कि एक प्राकृतिक किला जैसा था, अपने सामरिक और भौगोलिक फायदे के कारण हमेशा अपने पड़ोसी देशों के लिए कठिन चुनौती बना रहा। उसकी रक्षा की प्रणाली और पर्वतीय इलाका, ने उसे बाहरी आक्रमणों से बचाया। यही कारण है कि न केवल मुगलों, बल्कि ब्रिटिश साम्राज्य ने भी नेपाल को सीधे तौर पर जीतने की कोशिश छोड़ दी थी।
नेपाल की भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक चुनौतियों ने मुगलों के साम्राज्य विस्तार को एक बडी चुनौती पेश की। हालांकि मुगलों के पास विशाल सेना थी और उनका साम्राज्य बहुत विस्तृत था, लेकिन नेपाल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु की वजह से वे कभी इस देश को अपनी मातहत करने में सफल नहीं हो पाए। इसी तरह, ब्रिटिश साम्राज्य के लिए भी नेपाल एक सपना बनकर रह गया, और वह भी इस पर कब्जा करने का ख्याल छोड़ने को मजबूर हुआ। इस प्रकार, नेपाल की भौगोलिक स्थिति ने हमेशा उसे बाहरी आक्रमणों से बचाए रखा।
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