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Parenting Tips: आत्मविश्वास से भरे बच्चे अपने लिए निर्णय लेने में ज़रा भी समय बर्बाद नहीं करते। बच्चों के विकास में माता-पिता की पूरी भूमिका होती है। यह हम माता-पिता का काम है कि हम अपने बच्चों को अच्छा रोल मॉडल बनाकर उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करें। इससे न केवल उनका भविष्य उज्ज्वल बनता है, बल्कि उनका वर्तमान भी बेहतर बनता है।
कुछ बच्चे हमेशा तनाव में रहते हैं और कोई काम नहीं कर पाते। इसके पीछे का कारण उनके घर के माहौल का प्रभाव माना जाता है। घर का माहौल भी बच्चों के विकास पर असर डालता है। इसलिए ऐसे में घर का माहौल हमेशा हंसी-खुशी से भरा रहना चाहिए और बच्चों के किए गए काम को प्रोत्साहित करना चाहिए। उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए ताकि वे आत्मविश्वासी बनें। ऐसे में आइए जानते हैं कुछ टिप्स के बारे में जो आपके बच्चों को स्मार्ट और कॉन्फिडेंट बनाने में मदद करते हैं।
किसी भी तरह की सफलता के पीछे हमारी सकारात्मकता होती है। ऐसे में अपने बच्चों को हमेशा सकारात्मक रहने के लिए प्रेरित करें और भले ही उनके सकारात्मक कार्य विफल हो जाएं तो भी उन्हें प्रोत्साहित करें और उन्हें बताएं कि जीत और हार जीवन का हिस्सा है और उन्हें इससे सीखना चाहिए।
बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनमें आत्मनिरीक्षण की भावना पैदा करनी चाहिए। इसके लिए हमें उनके विचारों और शक्तियों को समझने में मदद करनी होगी। इसके लिए आप उन्हें ओम मंत्र का जाप और ध्यान करना भी सिखाएं।
बच्चों में अपने जीवन मूल्यों को समझने और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे पहले उन्हें बताएं कि ईश्वर क्या है। ईश्वर की शक्ति और उस पर विश्वास की भावना जागृत करें।
बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को अधिक लचीला बनाए रखने के लिए उनका आध्यात्मिक विकास महत्वपूर्ण है। इससे बच्चों में सोचने की शक्ति विकसित होती है, जिससे उन्हें सही और गलत के बीच अंतर समझने में मदद मिलती है, जिससे उनमें निर्णय लेने की शक्ति विकसित होती है।
बच्चों में अपना सर्वश्रेष्ठ करने की भावना को प्रोत्साहित करें। उनसे कहें कि वे जो भी कर रहे हैं उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ दें। इस बात की चिंता मत करो कि तुम सफल होगे या नहीं। जीवन में हर चीज के लिए तैयार रहें और जो भी कर रहे हैं उसे सफलता में बदलकर ही दम लें।
किसी भी कार्य पर ध्यान केंद्रित करना और फिर सफलता के लिए अभ्यास करना बच्चों को आत्मविश्वासी बनाने में मदद करता है और निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाता है। इसलिए, बच्चों को अभ्यास करने की आदत बनानी चाहिए और उन्हें ध्यान केंद्रित करना सिखाना चाहिए।
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