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India News(इंडिया न्यूज), How To Protect Yourself From Perimenopause: पेरिमेनोपॉज (Perimenopause) एक ऐसी अवस्था है जो महिलाओं में मेनोपॉज से पहले होती है और इसमें हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं। यह आमतौर पर 40 की उम्र के आसपास शुरू होती है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह 40 की उम्र से पहले भी शुरू हो सकती है।
हार्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में बदलाव।
उम्र: आमतौर पर 40 से 50 वर्ष की उम्र के बीच शुरू होता है।
जेनेटिक फैक्टर: परिवार में जल्दी पेरिमेनोपॉज का इतिहास।
पेरिमेनोपॉज के लक्षणों में मासिक धर्म का अनियमित होना, गर्मी के दौरे (हॉट फ्लैशेस), नींद में कठिनाई, मूड स्विंग्स और वजन बढ़ना शामिल हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, पेरिमेनोपॉज से बचाव और इसके लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें जिसमें फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन की प्रचुरता हो। विटामिन D और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है।
नियमित व्यायाम हार्मोनल संतुलन बनाए रखने, वजन नियंत्रित करने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। योग और मेडिटेशन भी तनाव कम करने में सहायक हो सकते हैं।
अच्छी नींद पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सोने से पहले एक शांत और आरामदायक वातावरण बनाने की कोशिश करें।
तनाव हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है। डीप ब्रीदिंग, मेडिटेशन, और रिलैक्सेशन टेक्नीक्स अपनाएं ताकि तनाव को कम किया जा सके।
धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है और पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को और भी गंभीर बना सकता है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर को हाइड्रेटेड रखने और कई समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है।
यदि पेरिमेनोपॉज के लक्षण बहुत अधिक गंभीर हों, तो चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है। डॉक्टर हार्मोनल थेरेपी या अन्य उपचारों की सलाह दे सकते हैं।
इन उपायों को अपनाकर पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को प्रबंधित किया जा सकता है और इस अवस्था को अधिक सहजता से संभाला जा सकता है।
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