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जानवरों का खून पीकर होते हैं मोटे, दुनिया की एक ऐसी जगह जहां तोंद निकालने का होता है कम्पटीशन, करते हैं ऐसा काम!

BY: Preeti Pandey • LAST UPDATED : December 3, 2024, 11:41 am IST
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जानवरों का खून पीकर होते हैं मोटे, दुनिया की एक ऐसी जगह जहां तोंद निकालने का होता है कम्पटीशन, करते हैं ऐसा काम!

Tribal Communities: जानवरों का खून पीकर होते हैं मोटे

India News (इंडिया न्यूज), Tribal Communities: दुनियाभर में कई आदिवासी समुदाय रहते हैं, जिनकी अपनी अलग संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराएं हैं। ये समुदाय सदियों से अपने जंगलों और जमीन पर रह रहे हैं। कई बार इनकी परंपराएं हमें अजीब लग सकती हैं, लेकिन ये इनके लिए बेहद खास होती हैं। इथियोपिया में रहने वाली बोडी जनजाति भी ऐसी ही एक जनजाति है, जिसमें लोग एक अनोखी प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं। इस प्रतियोगिता में सबसे मोटा व्यक्ति जीतता है। जीतने वाले व्यक्ति को समुदाय का हीरो माना जाता है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लोग वजन बढ़ाने के लिए छह महीने तक एक खास डाइट लेते हैं, जिसमें गाय का दूध और खून भी शामिल होता है।

जंगल का राजा बनने के लिए अनोखी परीक्षा

ओमो घाटी के जंगलों में रहने वाली एक आदिवासी जनजाति की एक अनोखी परंपरा है। वे गाय के दूध के साथ उसका खून भी पीते हैं। इस प्रथा के अनुसार वे जानवर को नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि उसकी नस काटकर सावधानीपूर्वक खून निकालते हैं। दूध और खून को मिलाकर एक खास मिश्रण बनाया जाता है जिसे वे नियमित रूप से पीते हैं। हर साल नए साल के मौके पर यहां एक अनोखा उत्सव मनाया जाता है जिसे ‘कोयल’ कहते हैं।

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छह महीने की कड़ी मेहनत

इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पुरुष छह महीने पहले से ही अपनी तैयारी शुरू कर देते हैं। इस दौरान उन्हें कड़े अनुशासन का पालन करना होता है। उन्हें किसी भी महिला से संबंध बनाने और घर से बाहर जाने की मनाही होती है। जानवरों का खून और दूध पीना उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा होता है। उन्हें हर दिन सूर्योदय के समय एक बर्तन में दो लीटर दूध पीना होता है।

प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लोग अक्सर छह महीने की कड़ी मेहनत के बाद इतने मोटे हो जाते हैं कि चलना भी मुश्किल हो जाता है। इस प्रतियोगिता का अंतिम लक्ष्य सबसे मोटे व्यक्ति को चुनना होता है। विजेता चुने जाने के बाद, जानवर को एक पवित्र पत्थर के साथ बलि दी जाती है और इस तरह प्रतियोगिता समाप्त हो जाती है। इसके बाद, पुरुष अपने सामान्य जीवन में लौट आते हैं।

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