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सुंदर सी दिखने वाली इस झील का दूसरा नाम है 'कंकालों से भरी झील'…1000 साल से भी ज्यादा पुरानी है हड्डियां, 16,500 फीट ऊंचाई वाली इस झील का नहीं जान पाया कोई रहस्य?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : December 16, 2024, 3:15 pm IST
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सुंदर सी दिखने वाली इस झील का दूसरा नाम है 'कंकालों से भरी झील'…1000 साल से भी ज्यादा पुरानी है हड्डियां, 16,500 फीट ऊंचाई वाली इस झील का नहीं जान पाया कोई रहस्य?

Roopkund, Uttarakhand: रूपकुंड झील में पाए गए कंकालों ने वैज्ञानिकों, पुरातत्वविदों और इतिहासकारों को वर्षों से हैरत में डाल रखा है।

India News (इंडिया न्यूज), Roopkund, Uttarakhand: भारत एक ऐसा देश है, जो अपने विविधता और विचित्रताओं के लिए जाना जाता है। यहां हर राज्य में कुछ न कुछ अद्भुत, अनोखा और अविश्वसनीय देखने को मिलता है। ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह उत्तराखंड में स्थित है, जिसे ‘कंकालों की झील’ (Lake of Skeletons) के नाम से जाना जाता है। यह झील अपने अंदर छिपे रहस्यों और कंकालों की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

रूपकुंड: एक रहस्यमयी झील

उत्तराखंड का रूपकुंड (Roopkund) समुद्र तल से लगभग 16,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील सालभर बर्फ से ढकी रहती है और मौसम के अनुसार इसका आकार छोटा या बड़ा होता रहता है। खासतौर पर गर्मियों में जब बर्फ पिघलती है, तो इस झील में कंकाल साफ नजर आने लगते हैं। ठंड के मौसम में यहां बर्फ इतनी ज्यादा होती है कि झील और उसके अंदर छिपे कंकाल ठीक से नहीं देखे जा सकते।

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कंकालों का रहस्य

रूपकुंड झील में पाए गए कंकालों ने वैज्ञानिकों, पुरातत्वविदों और इतिहासकारों को वर्षों से हैरत में डाल रखा है। इन कंकालों के बारे में कई सिद्धांत और कहानियां प्रचलित हैं। माना जाता है कि ये कंकाल 9वीं शताब्दी के समय के हैं। शोध के अनुसार, ये कंकाल 200-300 लोगों के समूह के हैं, जो किसी प्राकृतिक आपदा, जैसे भारी ओले गिरने की वजह से मारे गए थे।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि इन कंकालों का डीएनए विविध समूहों का है। इनमें से कुछ कंकाल स्थानीय लोगों के हैं, जबकि कुछ कंकाल दक्षिण एशियाई मूल के यात्रियों के माने जाते हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि इन लोगों की मृत्यु सिर पर भारी चोट लगने के कारण हुई थी, जो संभवतः तेज ओलों की वजह से हुई।

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यात्रियों और ट्रेकर्स के लिए आकर्षण का पॉइंट

आज रूपकुंड झील एक प्रमुख ट्रेकिंग डेस्टिनेशन बन चुकी है। यह स्थान अपने अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के कारण ट्रेकर्स और साहसिक यात्रियों को आकर्षित करता है। लेकिन कठिन ट्रेकिंग और ऊंचाई के कारण यहां पहुंचना आसान नहीं है।

रूपकुंड झील केवल एक प्राकृतिक झील नहीं है, बल्कि यह हमारे इतिहास, संस्कृति और प्रकृति के रहस्यों का प्रतीक है। यह स्थान न केवल वैज्ञानिक अनुसंधानों का केंद्र है, बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि प्राचीन भारत में प्राकृतिक आपदाओं से जूझने की कहानियां कितनी रोमांचक और रहस्यमयी हैं। अगर आप भी भारत की अनोखी जगहों को एक्सप्लोर करने में रुचि रखते हैं, तो उत्तराखंड की यह ‘कंकालों की झील’ निश्चित रूप से आपकी सूची में होनी चाहिए।

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