India News(इंडिया न्यूज), Soft Drinks Bad Impact On kid’s Health: अक्सर देखने को मिलता है कि माता-पिता यूँही अपने बच्चे को सॉफ्टड्रिंक्स पीने के लिए दे देते हैं। ये बिना सोचे-समझे भी के वो जरा सी सॉफ्ट ड्रिंक उनके बच्चे के स्वास्थ्य को किस हद तक नुकसान पहुंचा रही है। ये भले ही माता-पिता का प्यार दर्शाने का एक तरीका ही क्यों न हो लेकिन ये तरीका उनके बच्चो के लिए स्लो पोइज़न की तरह उनकी रगो में चढ़ रहा हैं जो उनके लिए आने वाले समय में घातक भी साबित हो सकता है। सॉफ्ट ड्रिंक के नियमित सेवन से न केवल बच्चों की शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। जिसके मुख्य प्रकार आज हम आपको बताएंगे….
डॉ. का अध्ययन: सूरत किरण मल्टी सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के पीडियाट्रिशियन डॉ. पवन भरत मंडाविया के अनुसार, सॉफ्ट ड्रिंक के सेवन से बच्चों के मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
सिरदर्द और मूड स्विंग्स: कोल्ड ड्रिंक के सेवन से बच्चों को सिरदर्द और मूड में उतार-चढ़ाव की समस्याएं हो सकती हैं।
न्यूरोकेमिस्ट्री का असंतुलन: लंबे समय तक सेवन से ब्रेन के न्यूरोकेमिस्ट्री में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है, जो मानसिक विकास को प्रभावित करता है।
इस पौधे के पत्तों का सेवन कर देगा आपकी याद्दाश मजबूत, स्ट्रेस फ्री का राज!
हार्ट फंक्शन पर असर: नियमित रूप से सॉफ्ट ड्रिंक पीने से बच्चों के दिल की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।
हृदय रोग का खतरा: शोधों से पता चला है कि फ़िज़ी ड्रिंक का सेवन हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है।
Dengue Treatment: फ्री में करें डेंगू बुखार का इलाज! इस तरह पहले ही दिन बढ़ेगी रोगी के प्लेटलेट्स
उच्च कैलोरी और कम पोषण: सॉफ्ट ड्रिंक में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है और पोषण की कमी होती है, जिससे वजन तेजी से बढ़ सकता है।
चीनी की क्रेविंग: इनमें मौजूद एस्पार्टेम और चीनी बच्चों में चीनी की क्रेविंग को बढ़ावा देते हैं, जिससे मोटापा बढ़ने की संभावना होती है।
Platelet Count: न सिर्फ डेंग्यू बल्कि इस बीमारी में भी कम हो जाती हैं प्लेटलेट्स, जानें लक्षण
सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन बच्चों की सेहत के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकता है। यह न केवल उनकी शारीरिक सेहत को प्रभावित करता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसीलिए, बच्चों को किसी भी प्रकार के सॉफ्ट ड्रिंक से दूर रखना और उन्हें पोषणयुक्त और स्वस्थ आहार देना सबसे अच्छा रहेगा। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के आहार में सतर्कता बरतें और उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।
AI ने फिर एक बार दिखाया कमाल, अब 5 साल पहले ही ब्रैस्ट कैंसर के विकसित होने का लग जाएगा पता!
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.