Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
India News (इंडिया न्यूज़), Gauhar Jaan Tawaif: भारतीय संगीत और नृत्य कला की दुनिया में अगर एक नाम सबसे पहले याद आता है तो वह है गौहर जान। अपने जमाने की सबसे मशहूर तवायफ और सुपरस्टार सिंगर, गौहर जान ने न सिर्फ अपने सुरों से महफिलों को सजाया, बल्कि रिकॉर्डिंग की दुनिया में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। आइए जानें गौहर जान के जीवन और उनकी शानदार उपलब्धियों के बारे में, जिन्होंने उन्हें 20वीं सदी की सबसे अमीर और प्रतिष्ठित कलाकार बनाया।
गौहर जान का जन्म 1873 में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही संगीत और नृत्य की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। उनका वास्तविक नाम एंजेलिना योवर्ड था, लेकिन हिंदुस्तान की कला संस्कृति को अपनाने के बाद उन्होंने गौहर जान नाम रखा। उन्होंने ठुमरी, दादरा, कजरी और होरी जैसे शास्त्रीय संगीत में अपनी महारत हासिल की। उनकी आवाज इतनी मधुर और प्रभावशाली थी कि बड़े-बड़े राजा-महाराजा उनके सुरों के दीवाने थे।
गौहर जान भारतीय संगीत की पहली ऐसी कलाकार थीं जिन्होंने अपनी आवाज़ को रिकॉर्ड करवाया। साल 1902 में उन्होंने गाना रिकॉर्ड किया, और यह भारत में पहली बार किसी गायक का वॉयस रिकॉर्डिंग था। उस जमाने में रिकॉर्डिंग तकनीक इतनी विकसित नहीं थी, लेकिन गौहर जान ने 78 RPM पर “मेरा नाम गौहर जान है” गाकर एक ऐतिहासिक पहल की। उनके रिकॉर्ड किए गए गाने इतने लोकप्रिय हुए कि लोग उनके दीवाने हो गए। उन्होंने अपने करियर में लगभग 600 गाने रिकॉर्ड किए, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
गौहर जान की अमीरी और उनका रुतबा भी किसी से छिपा नहीं था। 20वीं सदी की शुरुआत में, उनकी नेटवर्थ एक करोड़ रुपये के करीब थी, जो उस दौर में एक बड़ी राशि थी। उनकी फीस भी बेहद महंगी थी। वे एक गाने के लिए 3,000 रुपये चार्ज करती थीं, जो उस समय के हिसाब से बहुत अधिक था। कहा जाता है कि गौहर जान जो गहने एक बार पहन लेती थीं, उन्हें फिर से कभी नहीं पहनती थीं। साथ ही, हर गाने की रिकॉर्डिंग के लिए वे नए कपड़े पहनती थीं और सज-धज कर रिकॉर्डिंग करती थीं।
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गौहर जान को किसी भी महफिल में बुलाने के लिए स्पेशल ट्रीट किया जाता था। उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि उनके मुजरे में जाने के लिए खासतौर पर प्राइवेट ट्रेन बुक की जाती थी। वे निजी ट्रेन से महफिलों में जाया करती थीं, जो दर्शाता है कि उनके चाहने वालों की संख्या कितनी अधिक थी। उनका हर मुजरा एक भव्य आयोजन होता था, जिसमें रईसों और राजा-महाराजाओं की भीड़ उमड़ती थी।
गौहर जान सिर्फ एक अदाकारा नहीं थीं, बल्कि वे समाज सेवा में भी सक्रिय थीं। जब महात्मा गांधी ने स्वराज आंदोलन की शुरुआत की, तो गौहर जान ने भी अपना समर्थन दिया। उन्होंने गांधीजी को आंदोलन के लिए 12,000 रुपये का योगदान दिया, जो उस समय एक बड़ी राशि थी। इससे यह पता चलता है कि वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर भी गंभीर थीं।
गौहर जान ने न सिर्फ संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया बल्कि उन्होंने भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहुंचाने का काम किया। उनकी आवाज, अंदाज और कला के प्रति उनका जुनून उन्हें एक अद्वितीय व्यक्तित्व बनाता है। वे भारतीय रिकॉर्डिंग इतिहास की पहली सुपरस्टार थीं, और आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में उनकी आवाज गूंजती है।
गौहर जान भारतीय संगीत और नृत्य की वह अद्वितीय हस्ती थीं जिन्होंने अपने जीवन में तमाम संघर्षों के बावजूद अपने फन को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी अमीरी, उनकी प्रतिभा और उनकी रिकॉर्डिंग की दुनिया में शुरुआत ने उन्हें हमेशा के लिए अमर कर दिया। गौहर जान का जीवन उन कलाकारों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने हुनर के दम पर ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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