India News (इंडिया न्यूज़), Valentine Day History: वैलेंटाइन डे किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इसे करीबन पूरी दुनिया में मनाया जाता है। प्यार करने वालों को वेलेंटाइन वीक का बेसब्री से इंतजार रहता है। रोज डे के साथ 7 फरवरी को इसकी शुरुआत होती है और 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाया जाता है। पश्चिमी देशों में तो इस दिन की रौनक अपने शवाब पर होती है, वहीं भारत और अन्य पूर्वी देशों में इस दिन को मनाने का अपना-अपना अंदाज होता है। प्यार के इजहार का यह खास सप्ताह पूरे जोरशोर से मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं, वेलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई थी? इसके लिए आखिर 14 फरवरी को ही क्यों चुना गया? तो यहां जानिए इसकी जानकारी।
जानकारी के अनुसार, 14 फरवरी सेंट वेलेंटाइंस डे यानी कैथोलिक संत वैलेंटाइन का शहीदी दिवस है जो आगे चलकर वैलेंटाइंस डे के रूप में प्रेम का पर्व बन गया। संत वैलेंटाइन तीसरी शताब्दी के माने जाते हैं। जब वो रोम में थे तो वहां सम्राट क्लॉडियस का शासन था। क्लॉडियस मानता था कि सिंगल पुरुष विवाहित पुरुषों की तुलना में ज्यादा अच्छे सैनिक बन सकते हैं। इस वजह से उसने अपने साम्राज्य में सैनिकों और अधिकारियों के विवाह करने पर ही रोक लगा दी।
बता दें कि वैलेंटाइन एक पादरी थे और उन्होंने इस आदेश का विरोध किया। वैलेंटाइन ने सम्राट के आदेश की अवहेलना करते हुए कई सैनिकों और अधिकारियों के गुप्त विवाह कराए। जब सम्राट को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने वैलेंटाइन को मौत की सजा दे दी। माना जाता है कि 14 फरवरी के दिन ही वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया गया था।
1969 में कैथोलिक चर्च ने कुल 11 संत वेलेंटाइन के होने की पुष्टि की और 14 फरवरी को उनके सम्मान में पर्व मनाने की घोषणा की। इनमें सबसे महत्वपूर्ण वेलेंटाइन रोम के संत वेलेंटाइन माने जाते हैं। कहा जाता है कि संत वेलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया व जेकोबस को एक पत्र लिखा, जिसमें अंत में उन्होंने लिखा था “तुम्हारा वेलेंटाइन।” यह दिन था 14 फरवरी, जिसे बाद में इस संत के नाम से मनाया जाने लगा और वेलेंटाइन-डे के बहाने पूरे विश्व में निःस्वार्थ प्रेम का संदेश फैलाया जाता है।
साल 1260 में संकलित की गई ‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ नामक पुस्तक में संत वेलेंटाइन का वर्णन मिलता है। जब तीसरी सदी थी तो रोम में क्लॉडियस नाम के राजा का राज हुआ करता था। क्लॉडियस मानते थे कि विवाह (शादी) करने से पुरुषों का दिमाग और शक्ति दोनों ही खत्म हो जाती है। इसी सोच के साथ क्लॉडियस ने पूरे राज्य में यह आदेश जारी कर दिया कि उसके जितने भी सैनिक और अधिकारी है वो विवाह नही करेंगे, पर संत वेलेंटाइन ने क्लॉडियस के इस क्रूर आदेश का विरोध किया। साथ ही पूरे साम्राज्य में लोगों को शादी करने के लिए प्रेरित किया।
संत वेलेंटाइन ने रोम में कई सैनिको और अधिकारियों की शादी करवाई। क्लॉडियस ने जब अपना विरोध देखा तो वो सह ना सका, उसने 14 फरवरी सन 269 में संत वेलेंटाइन को फांसी पर चढ़वा दिया। तब से उनकी याद में वेलेंटाइन डे मनाया जाता है।
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