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क्यों लीची को भिगोकर खाये जाने की दी जाती हैं सलाह? क्या वाकई ज्यादा Litchi खाने से बीमारी के खतरे जाते हैं बढ़?-IndiaNews

Prachi Jain • LAST UPDATED : June 24, 2024, 9:01 pm IST

India News (इंडिया न्यूज), Eat Litchi: लीची (लीची चिनेंसिस) एक सीजनल फल है जिसकी खेती कई देशों में की जाती है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं और यह देखने और स्वाद में बहुत अच्छा होता है। लीची का आकार और चमकदार छिलका, मीठा, रसदार और गूदे से भरपूर होता है। लीची में उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो सेल्स को खराब होने से बचाते हैं और गंभीर बीमारियों के जोखिम से भी बचाते हैं।

जाने लीची को भिगोकर खाये जाने की क्यों दी जाती हैं सलाह?

Eat Litchi:

गर्मी को कम करने के लिए:

लीची को भिगोकर खाने से उसकी तासीर ठंडी हो जाती है। लीची की तासीर गर्म होती है, और अधिक मात्रा में खाने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, जिससे नाक से खून आना, गले में खराश या अन्य गर्मी से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। भिगोने से उसकी गर्म तासीर कम हो जाती है।

पाचन में मदद:

लीची को भिगोने से उसके अंदर मौजूद एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को सरल बनाते हैं। इससे लीची का सेवन करने पर पेट में भारीपन या अपच जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।

ताजगी बनाए रखना:

भिगोने से लीची की ताजगी बनी रहती है और उसका स्वाद और भी बेहतर हो जाता है। यह विशेष रूप से तब फायदेमंद होता है जब लीची थोड़ी सूखी हो।

स्वाद में सुधार:

लीची को भिगोने से उसका स्वाद और मिठास बढ़ जाती है। पानी में भीगने के बाद लीची और भी रसदार और स्वादिष्ट हो जाती है।

शरीर को हाइड्रेट रखना:

लीची को भिगोकर खाने से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। गर्मियों में यह विशेष रूप से लाभकारी होता है।

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इन कारणों से, लीची को भिगोकर खाने की सलाह दी जाती है। यह न केवल लीची को और अधिक स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।

क्या ज्यादा Litchi खाने से बीमारी के खतरे जाते हैं बढ़?

Eat Litchi:

हां, अत्यधिक लीची खाने से कुछ मामलों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लीची के अधिक सेवन से जुड़ी कुछ प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित हैं:

हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia):

लीची में विशेष प्रकार के तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं। खासकर खाली पेट या रात में लीची का अधिक सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर अचानक गिर सकता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या हो सकती है। यह समस्या विशेष रूप से बच्चों और कुपोषित व्यक्तियों में देखने को मिलती है।

जैट्रोजेनिक बीमारी:

लीची में मिथाइलीन साइक्लोप्रोपाइल ग्लाइसिन (MCPG) नामक एक तत्व होता है, जो ग्लूकोज संश्लेषण को बाधित कर सकता है। यह भी हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकता है, जिससे बच्चों में अक्यूट एन्सेफेलोपैथी (acute encephalopathy) जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

एलर्जी और संवेदनशीलता:

कुछ लोगों में लीची से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर रैशेस, खुजली, सूजन, सांस लेने में तकलीफ आदि समस्याएं हो सकती हैं। लीची का अधिक सेवन करने पर ये समस्याएं और गंभीर हो सकती हैं।

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इन संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए, लीची का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। यदि आप या आपके परिवार में कोई व्यक्ति लीची का अधिक सेवन कर रहा है, तो उसे इस बारे में जागरूक करना महत्वपूर्ण है। यदि किसी को लीची खाने के बाद उपरोक्त समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

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