India News(इंडिया न्यूज),Women Problems: 30 की उम्र में अक्सर महिलाएं अपने शरीर और स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं रहती हैं। लेकिन जैसे ही उम्र 40 के करीब पहुंचने लगती है, शरीर को कई तरह की परेशानियां घेरने लगती हैं। ऐसे में सिर्फ अच्छे लुक्स और फिगर पर ध्यान देने की बजाय अपनी सेहत को पहले से ही मेंटेन करें। ताकि 40 की उम्र में इन समस्याओं से निपटना आसान हो जाए।
40 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते घर-परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। जिसका नतीजा कॉर्टिसोल हॉरमोन में बढ़ोतरी और ज्यादा तनाव होता है। जिसकी वजह से नींद में खलल पड़ने लगता है। ऐसे में पहले से ही स्ट्रेस लेवल को मेंटेन करने की प्रैक्टिस शुरू कर दें।
अगर आपका वजन ज्यादा है या आप हमेशा अनहेल्दी खाना खाती हैं, तो शरीर में कैल्शियम के साथ-साथ जरूरी मिनरल्स की भी कमी हो जाती है। वहीं, प्री-मेनोपॉज के असर की वजह से शरीर में हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और जोड़ों में दर्द होने लगता है।
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उम्र बढ़ने के साथ शरीर का मेटाबॉलिज्म कमजोर होने लगता है। यही कारण है कि 40 के बाद ज़्यादातर महिलाओं के पेट में चर्बी बढ़ने लगती है। लेकिन स्वस्थ जीवन और स्वस्थ खाद्य पदार्थों की मदद से मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा दिया जा सकता है। जिससे पेट की चर्बी बढ़ने की संभावना कम हो सकती है।
40 की उम्र के साथ ही प्री-मेनोपॉज़ चरण शुरू हो जाता है। जिसके कारण योनि की दीवारें पतली होने लगती हैं और उनमें नमी वाली कोशिकाएँ कम होने लगती हैं। जिसके कारण योनि में सूखापन आ जाता है। जिसके कारण महिलाओं में सेक्स की इच्छा भी धीरे-धीरे कम होने लगती है।
40 की उम्र के बाद प्री-मेनोपॉज़ के लक्षण दिखने लगते हैं। जिसमें सामान्य समय से ज़्यादा लंबे समय तक पीरियड्स आना, हॉट फ्लैश, चिड़चिड़ापन, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ होने लगती हैं। ऐसे में मेनोपॉज़ से पहले इन लक्षणों को जानना और समझना ज़रूरी है।
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