Christmas Celebration 2025: दुनियाभर में 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ देशों में क्रिसमस सेलिब्रेशन पर सख्त पाबंदी है? धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कारणों से कई देशों में सार्वजनिक रूप से क्रिसमस मनाने, सजावट करने या कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक लगा दी गई है। आइए जानते हैं उन 6 देशों के बारे में, जहां क्रिसमस सेलिब्रेशन बैन है या उस पर कड़े नियम लागू हैं।
चीन (China)
चीन में क्रिसमस पर नेशनल हॉलिडे नहीं है और सख्त नियमों के कारण किसी को भी सार्वजनिक रूप से कैरोग गाने की अनुमति नहीं है. राष्ट्रीय कानून सीधे क्रिसमस पर प्रतिबंध नहीं लगाता, लेकिन कई शहरों या स्कूलों ने क्रिसमस-संबंधी गतिविधियों पर रोक या नियंत्रण लगाया हुआ है। जैसे- कुछ सरकारी कार्यक्रमों और स्कूलों में क्रिसमस ट्री और संबंधित कार्यक्रमों को प्रतिबंधित किया गया है।
ब्रुनेई (Brunei)
ब्रुनेई में सार्वजनिक रूप से क्रिसमस मनाना और सजावट करना बैन है। क्रिसमस ट्री, सैंटा हैट पहनना, गाने या सार्वजनिक शुभकामनाएं देना प्रतिबंधित है। उल्लंघन करने पर जेल और भारी जुर्माने का खतरा हो सकता है। क्रिस्टियनों को निजी तौर पर मनाने की अनुमति कभी-कभी दी जाती है, लेकिन सावधान रहना पड़ता है।
सोमालिया (Somalia)
यह एक मुस्लिम-बहुल देश है जहां क्रिसमस और न्यू ईयर के सार्वजनिक उत्सव पर रोक है। सरकार का कहना है कि यह त्यौहार देश की धार्मिक पहचान से मेल नहीं खाता है।
सार्वजनिक क्रिसमस कार्यक्रम, सजावट या आयोजन कानूनी रूप से अनुमति नहीं हैं।
ताजिकिस्तान (Tajikistan)
ताजिकिस्तान में स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर क्रिसमस ट्री, उपहार, सैंटा आदि प्रतिबंधित हैं। सरकार ने फेस्टिवल की गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण लगाया है जिससे सार्वजनिक जश्न नहीं होता।
सीरिया / उत्तर कोरिया जैसे देश (North Korea)
उत्तर कोरिया में धर्म और पश्चिमी त्योहारों पर बड़े स्तर पर प्रतिबंध है। क्रिसमस को मनाना प्रतिबंधित माना जाता है, और सार्वजनिक उत्सव या चर्च कार्यक्रम लगभग शून्य हैं। चूंकि राज्य धर्म को नियंत्रित करता है, इसे राजनीतिक खतरे के रूप में भी देखा जाता है।
सऊदी अरब (Saudi Arabia)
सऊदी अरब में क्रिसमस के सार्वजनिक प्रतीकों पर प्रतिबंध है, खासकर मुसलमानों के लिए उत्सव मनाना प्रोत्साहित नहीं होता। सार्वजनिक क्रिसमस ट्री और समारोहों पर सख्त देखने की परंपरा रही है, और कुछ इलाकों में यह पूरी तरह से प्रतिबंधित रहा है। प्रवासी लोग इसे गुप्त तरीके से मानते हैं.