Indian Ocean: दुनिया के प्रमुख महासागर में एक हिंद महासागर (Indian Ocean) का नामकरण सदियों से विवाद और बहस का विषय रहा है. खासकर वैसे पड़ोसी देश जो इस महासागर के किनारों से लगते हैं. इस हिंद महासागर से पाकिस्तान की सीमा भी लगती है. इसका भाग म्यांमार, बांगलदेश, ईरान, मेडागास्कर, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और केन्या भी है.
“हिंद महासागर” कहने से पाकिस्तान और इंडोनेशिया को आपत्ति
1960 और 70 के दौरान पाकिस्तान और इंडोनेशिया ने इसे “हिंद महासागर” कहने से आपत्ति जताई थी. इन दोनों पड़ोसी देशों को ऐसा लगता था की हिंद महासागर कहने से भारत को बहुत ज्यादा अहमियत मिलता है.
क्या विवाद था
नाम को आपत्तियों का सिलसिला 1980 तक जारी रहा. पाकिस्तान टाइम्स ने इस नाम का अलोचना करते हुए इसे अनुचित बताया था. वैसे पाकिस्तान टाइम्स अब बंद हो चुका है.
संस्कृत का असर
संस्कृत के ग्रंथों में भारत के चारो ओर स्थित पानी को सिंधु महासागर के नाम से जानते हैं. यह नाम सिंधु नदी के नाम पर रखा गया था, जिसको Indus का नाम भी बोला जाता है. काफी टाइम सदियों के बाद इस संस्कृत का नाम ग्रीक और रोमन नामों के साथ मिल गया, जिसके कारण “हिंद महासागर” के नामों को बल मिला.
“Indian Ocean” नाम कैसे पड़ा?
15वीं सदी के दौर में जब यूरोपीय खोजकर्ता हिंद महासागर के दौरे पर आएं तो उन्होंने इसे “Sea of India” या “Eastern Sea” कहना शुरू किया. 1515 तक, लैटिन नक्शों में इसका नाम Oceanus Orientalis Indicus था, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है “Indian Eastern Ocean”. और बाद में जाकर “Indian Eastern Ocean” को अंग्रेजी में “Indian Ocean” कहा जाने लगा. आगे चल कर 18वीं सदी तक, यह वैश्विक मानचित्रकला में मजबूती से स्थापित हो गया.
हिंद महासागर (Indian Ocean)
- यह दुनिय का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है.
- इसकी लंबाई 72,000,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है
- हिंद महासागर एकमात्र ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर है.
- भारत भी दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है, जिसके नाम एक महासागर का नाम है.