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दूध पीने का सही तरीका क्या है बैठकर या खड़े होकर, जानें क्या है आयुर्वेद की राय?

Right Way to Drink Milk: अक्सर दूध पीते वक्त हमारे जहन में एक विचार आता है कि दूध बैठकर पीना चाहिए या खड़े होकर, तो आइए जानें कि आयुर्वेद की इसपर क्या राय है.

Written By: shristi S
Last Updated: November 8, 2025 11:02:31 IST

Health Benefits of Milk: दूध भारतीय आहार का एक अहम हिस्सा है, जिसे सेहत और ताकत का प्रतीक माना जाता है. बचपन से ही हमें सिखाया जाता है कि रोजाना दूध पीना जरूरी है, क्योंकि यह शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है. दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और हेल्दी फैट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दूध पीने का सही तरीका क्या है खड़े होकर या बैठकर? और क्या रात में दूध पीना वाकई फायदेमंद होता है? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान के अनुसार.

दूध पीने का सही तरीका

आयुर्वेद के अनुसार, दूध को खड़े होकर पीना सबसे अधिक लाभदायक माना गया है. इसका कारण यह है कि खड़े होकर दूध पीने से यह शरीर के सभी हिस्सों तक समान रूप से पहुंच पाता है. इससे पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण होता है और पाचन तंत्र पर अधिक दबाव नहीं पड़ता. वहीं दूसरी ओर, पानी को बैठकर पीने की सलाह दी जाती है. बैठकर पानी पीने से यह धीरे-धीरे शरीर में प्रवेश करता है, जिससे पाचन प्रक्रिया सुधरती है और शरीर बेहतर तरीके से हाइड्रेट रहता है. इसीलिए कहा जाता है कि पानी बैठकर और दूध खड़े होकर पीना चाहिए.

रात में दूध पीने के फायदे

रात को सोने से पहले दूध पीना एक पुरानी और कारगर आदत है. इसमें मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी12, विटामिन डी और प्रोटीन शरीर को रातभर पोषण देते हैं और नींद को बेहतर बनाते हैं.

आइए जानते हैं रात में दूध पीने के फायदे

  • ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है – दूध में मौजूद प्रोटीन और एंजाइम्स रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखते हैं.
  •  वजन नियंत्रित रखने में मददगार – दूध पीने से पेट देर तक भरा रहता है, जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम होती है.
  • तनाव कम करने में सहायक – इसमें पाया जाने वाला अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन मन को शांत करता है और नींद को गहरा बनाता है.
  • हड्डियों को मजबूत बनाता है – कैल्शियम और विटामिन डी के कारण हड्डियों की घनत्व बनी रहती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं दूर रहती हैं.

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