Sleep Divorce: कुछ समय से देश ही नहीं बल्कि दुनिया में स्लीप डिवोर्स का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह है नींद. ये तो सभी जानते हैं कि आज के समय लोगों की रातों की नींद उड़ी हुई है. इनमें ज्यादातर कपल्स हैं. वे पूरे दिन घर-ऑफिस और बच्चों में बिजी रहने के बाद रात में चैन की नींद लेना चाहते हैं. हालांकि किसी न किसी वजह से ऐसा नहीं हो पाता है.
कहीं पार्टनर का स्मार्टफोन, तो कहीं खर्राटे के कारण नींद नहीं आती, तो कहीं पर झगड़े नींद में खलल डाल देते हैं. ऐसे में इसका समाधान निकालने के लिए स्लीप डिवोर्स शुरू हुआ, जो अब ट्रेंड में है. यह पैटर्न अब दुनियाभर में ट्रेंड कर रहा है. इसमें पति-पत्नी एक ही छत के नीचे तो रहते हैं, लेकिन लाइफ को बेहतर बनाने पर फोकस करने के लिए ये समाधान निकाला गया है.
क्या है स्लीप डिवोर्स?
बता दें कि स्लीप डिवोर्स का मतलब अच्छी और क्वालिटी नींद से है. जब कपल या पार्टनर अलग-अलग कमरे, अलग बेड या अलग-अलग समय पर सोते हैं. इसे स्लीप डिवोर्स कहा जाता है. ये पैटर्न यंग कपल्स के साथ ही उम्रदराज लोग भी अपना रहे हैं. इसकी वजह ये है कि वे लोग नींद की कमी से होने वाली समस्याओं से बचना चाहते हैं. स्लीप डिवोर्स का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि कपल्स के बीच रिश्ता खराब या खत्म हो रहा है. ये सिर्फ उस समय के लिए होता है, जब लोग कुछ घंटे बिना डिस्टर्बेंस के अच्छी और सुकून की नींद लेना चाहते हैं.
क्यों लिया जाता है स्लीप डिवोर्स?
अगर कपल में एक पार्टनर जल्दी सोता है और दूसरा देर में सोता है.
एक पार्टनर देर से सोकर उठता है, तो दूसरे को जल्दी उठना होता है.
अलार्म के कारण नींद डिस्टर्ब होने के कारण.
स्मार्टफोन का देर तक इस्तेमाल करने के कारण दूसरे को परेशानी होती है.
सोते समय पार्टनर का बहुत ज्यादा ही हिलना-डुलना.
खर्राटे के कारण नींद का डिस्टर्ब होना.
एक पार्टनर लाइट ऑन करके सोता है, तो दूसरा लाइक ऑफ करके सोता है.
स्लीप डिवोर्स से होने वाले फायदे
नींद अच्छी तरह से पूरी हो जाती है और बार-बार डिस्टर्बेंस भी नहीं होता.
नींद पूर होने से मेंटल और फिजिकल हेल्थ बेहतर होती है.
रिलेशनशिप पहले से और भी ज्यादा मजबूत होता है.
दोनों पार्टनर्स को अपने लिए स्पेस मिल जाता है.
नींद पूरी होने से क्रिएटिविटी और प्रोडक्टिविटी बढ़ती है.