अगर कोई व्यक्ति आमतौर पर 10-20 मिनट में सो जाता है, तो यह इस बात का संकेत है कि उसकी स्लीप रूटीन, बॉडी क्लॉक और नींद का दबाव (sleep pressure) सही तरीके से काम कर रहे हैं.
10–20 मिनट में नींद आना क्या दर्शाता है?
डॉ. बताते हैं कि इसका मतलब है कि शरीर स्वाभाविक रूप से रिलैक्स हो रहा है और दिमाग जागने की अवस्था से आराम की स्थिति में धीरे-धीरे जा रहा है. ऐसे लोग आमतौर पर सही समय पर खाना खाते हैं, देर रात कैफीन से बचते हैं और रोज एक तय समय पर सोने की आदत रखते हैं.
2–5 मिनट में नींद आ जाना क्यों हो सकता है चिंता की बात?
अगर कोई व्यक्ति बिस्तर पर लेटते ही 2–5 मिनट में सो जाता है, तो यह कई बार चेतावनी संकेत भी हो सकता है. डॉ. के मुताबिक, यह अक्सर नींद की कमी (Sleep Deprivation) की ओर इशारा करता है. शरीर खोई हुई नींद को पूरा करने की कोशिश में तुरंत ‘शट डाउन’ हो जाता है.यह स्थिति छात्रों, शिफ्ट में काम करने वालों और ज्यादा काम के दबाव में रहने वाले लोगों में आम तौर पर देखी जाती है.
किन स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हो सकता है जल्दी नींद आना?
डॉक्टरों के अनुसार, बहुत जल्दी नींद आना इन कारणों से भी जुड़ा हो सकता है
- लंबे समय से नींद की कमी
- रात में बार-बार नींद टूटना
- स्लीप एपनिया (नींद में सांस रुकना)
- डिप्रेशन और एंग्जायटी
- ज्यादा तनाव और हार्मोनल बदलाव
खास बात यह है कि अगर कोई व्यक्ति जल्दी सो तो जाता है, लेकिन सुबह उठने पर खुद को थका हुआ महसूस करता है, तो यह समस्या को नजरअंदाज करने की बजाय जांच करानी चाहिए .
कब डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है?
अगर दिनभर थकान रहती है, सुबह सिरदर्द होता है, या सोते समय जोर से खर्राटे आते हैं और सांस रुकने जैसी समस्या दिखती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. स्लीप असेसमेंट या जीवनशैली की समीक्षा से यह पता लगाया जा सकता है कि समस्या आदतों से जुड़ी है या किसी मेडिकल कारण से.