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काला लहसुन क्या है? स्वाद में मीठा, असर में दमदार, हेल्थ एक्सपर्ट्स क्यों दे रहे हैं इसे डाइट में शामिल करने की सलाह

अगर आपने कभी कच्चा लहसुन खाया है, तो ब्लैक गार्लिक का स्वाद आपको हैरान कर सकता है. यह न तो तीखा होता है और न ही इससे  लहसुन की गंध आती है. ब्लैक गार्लिक का रंग काला, बनावट जेली जैसी और स्वाद हल्का मीठा होता है, जो कुछ हद तक बाल्समिक फ्लेवर जैसा लगता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: 2025-12-23 16:54:49

ब्लैक गार्लिक को सामान्य लहसुन की गांठों को कई हफ्तों तक नियंत्रित गर्मी और नमी में रखकर तैयार किया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान लहसुन में ऐसे रासायनिक बदलाव होते हैं, जो इसे काला, नरम और स्वाद में हल्का बना देते हैं.

दिखने में अलग होने के बावजूद, ब्लैक गार्लिक की शुरुआत वही साधारण लहसुन से होती है जो रोजमर्रा की किचन में इस्तेमाल होता है.

ब्लैक गार्लिक और कच्चे लहसुन में क्या फर्क है?

  • डायटीशियन  के अनुसार, कच्चे लहसुन में एलिसिन पाया जाता है, जो उसकी तेज गंध और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है. हालांकि एलिसिन पाचन के लिए थोड़ा कठोर हो सकता है.
  • ब्लैक गार्लिक में यही एलिसिन बदलकर ज्यादा स्थिर और आसानी से शरीर में अवशोषित होने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स, खासकर S-allyl cysteine (SAC) में बदल जाता है.
  • विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप एंटीऑक्सिडेंट फायदे चाहते हैं, तो ब्लैक गार्लिक बेहतर विकल्प हो सकता है. वहीं, कच्चा लहसुन संक्रमण से लड़ने और दिल की सेहत के लिए ज्यादा प्रभावी माना जाता है.

पेट के लिए ज्यादा हल्का

ब्लैक गार्लिक पेट पर कच्चे लहसुन की तुलना में ज्यादा हल्का होता है. GERD या एसिडिटी से परेशान लोगों के लिए यह बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह तीखा नहीं होता और रिफ्लक्स की समस्या को बढ़ाता नहीं है.

सेहत को क्या-क्या फायदे?

  • पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लैक गार्लिक में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, यह इम्युनिटी मजबूत करता है, दिल और लिवर की सेहत को सपोर्ट करता है और प्रदूषण से होने वाले नुकसान से भी कुछ हद तक बचाव कर सकता है.
  • रोज़ाना एक से दो कलियां खाई जा सकती हैं. इसे सीधे चबाया जा सकता है या खाने में मिलाया जा सकता है. आजकल कई रेस्टोरेंट्स में भी ब्लैक गार्लिक से बने खास डिशेज परोसे जा रहे हैं.
  • हालांकि, ब्लड थिनर दवाइयां लेने वाले लोगों को इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए.

‘सुपरफूड’ के दावे से रहें सावधान

डॉक्टर्स का कहना है कि ब्लैक गार्लिक सेहत के लिए फायदेमंद जरूर है, लेकिन इसे किसी बीमारी का इलाज या चमत्कारी सुपरफूड नहीं माना जाना चाहिए. यह संतुलित आहार का हिस्सा हो सकता है, कोई जादुई समाधान नहीं.

विशेषज्ञों के मुताबिक, अच्छी सेहत का असली राज एक हेल्दी लाइफस्टाइल और संतुलित डाइट में है, न कि किसी एक खास चीज़ पर निर्भर रहने में.

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