संबंधित खबरें
UP By-Election Results 2024 live: यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग जारी, नसीम सोलंकी की जीत तय
Bihar Bypolls Result 2024 Live: बिहार की 4 सीटों पर मतगणना शुरू! सुरक्षा पर प्रशासन की कड़ी निगरानी
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: महाराष्ट्र में महायुति तो झारखंड में JMM गठबंधन सरकार बनाने की तरफ अग्रसर, जानें कौन कितने सीट पर आगे
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
India News (इंडिया न्यूज़), Madhya Pradesh, भोपाल: मल्टीडायमेनशनल पावर्टी सूचकांक (एमपीआई) 2023 पर नीति आयोग की दूसरी रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 2015-16 से 2019-21 के बीच 13.6 मिलियन लोग मल्टीडायमेनशनल पावर्टी से मुक्त कर लिए गए हैं। व्यक्तियों की यह संख्या सिंगापुर और लीबिया जैसे देशों की कुल आबादी के दोगुने से भी अधिक है।
मध्यापरदेश ने देश से गरीबी का बोझ कम करने में 10% योगदान दिया है। सामूहिक रूप से, भारत में गरीबी में भारी कमी देखी गई है। पांच साल की अवधि में भारत में गरीबी से बाहर आने वाले लगभग 135 मिलियन लोग, इसकी कुल बहुआयामी गरीब आबादी का आधा हिस्सा हैं। वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2023 इस बात पर प्रकाश डालता है कि भारत ने 15 वर्षों की अवधि के भीतर 415 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, जो जीवन स्थितियों में सुधार में महत्वपूर्ण प्रगति दर्शाता है।
एमपीआई स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के तीन महत्वपूर्ण अभावों को समाहित करता है। इसके 12 पैरामीटर हैं और यह संयुक्त राष्ट्र-अनिवार्य सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप है। एमपीआई अखिल भारतीय राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के नवीनतम घरेलू माइक्रो-डेटा का उपयोग करता है, जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के समन्वय में अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान द्वारा प्राप्त किया गया है। 2023 की नवीनतम एमपीआई रिपोर्ट एनएफएचएस 4 (2015-16) और एनएफएचएस 5 (2019-21) की सर्वेक्षण अवधि के बीच बहुआयामी गरीबी में बदलाव को दर्शाती है।
एमपीआई 2023 के अनुसार, मध्य प्रदेश में पांच वर्षों की अवधि में “बहुआयामी गरीब” व्यक्तियों की संख्या में 15.94% की गिरावट दर्ज की गई है, जो 36.57% से घटकर 20.63% हो गई है। बिहार के बाद, मध्य प्रदेश में भारत के सभी राज्यों के बीच गरीबी कुल अनुपात में सबसे तेजी से कमी देखी गई। प्रतिशत हेडकाउंट में सबसे अधिक सुधार अलीराजपुर (31.05%), बड़वानी (28.08%), खंडवा (27.38%), बालाघाट (26.48%) और टीकमगढ़ (26.33%) में देखा गया है। मध्य प्रदेश में गरीबी की तीव्रता भी 47.25% से घटकर 43.70% हो गई है।
भारत 2030 से काफी पहले एसडीजी लक्ष्य 1.2 (बहुआयामी गरीबी को कम से कम आधा कम करना) प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। देश की शून्य गरीबी की उपलब्धि की समयसीमा से पहले मध्य प्रदेश द्वारा इस को पूरा करने की संभावना है। मध्यप्रदेश की ग्रामीण बहुआयामी गरीब आबादी में एक महत्वपूर्ण 20.58% (45.9% से 25.32%) की गिरावट देखी गई है, तीव्रता 3.75% (47.57% से 43.82%) तक कम हो गई है और एमपीआई 0.218 से 0.111 लगभग आधा हो गया है। शहरी बहुआयामी गरीब आबादी हेडकाउंट अनुपात में 6.62% (13.72% से 7.1%) की गिरावट आई, तीव्रता 2.11% (44.62% से 42.51%) तक कम हो गई।
राज्य ने स्वच्छता में सबसे महत्वपूर्ण सुधार किया है, प्रदेश के प्रत्येक संकेतक में वंचित एवं बहुआयामी गरीबों के स्वच्छता के आभाव में 19.81% प्रतिशत की कमी देखी गई हैं। खाना पकाने के ईंधन के अभाव में 16.28% की कमी, आवास अभाव में 15.12%, पोषण अभाव में 13.6% की कमी, मातृ स्वास्थ्य अभाव में 9.54% की कमी, पेयजल अभाव में 8.84% की कमी देखी गई है। कुल जनसंख्या का प्रतिशत जो प्रत्येक संकेतक में वंचित और बहुआयामी गरीब है, उनके स्कूली शिक्षा के अभाव के वर्षों में 6.06% की कमी देखी गई है, बैंक खाते के अभाव में 5.98% की कमी आई है, संपत्ति के अभाव में 5.68% की गिरावट, बिजली के अभाव में 5.6% की गिरावट, स्कूल उपस्थिति में 2.48% की वृद्धि, एवं बाल और वयस्क मृत्यु दर में 1.26% की गिरावट देखी गई है।
अलीराजपुर जिले में बहुआयामी गरीबों का अनुपात सबसे अधिक 31.06 प्रतिशत कम हुआ है, जो 71.31 प्रतिशत से 40.25 प्रतिशत हो गया है। बड़वानी में 28.08 प्रतिशत कम हुआ , खंडवा में 27.38 प्रतिशत, बालाघाट में 26.47 प्रतिशत, टीकमगढ़ में 26.33 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है । बहुआयामी गरीब आबादी का अनुपात झाबुआ में 68.66% से गिरकर वर्तमान में 49.62% है, जो जिले के मल्टीडायमेंशनल पावर्टी से बचने वाली 19.24% आबादी को दर्शाता है। भोपाल जिले में यह अनुपात 12.66% से घटकर 6.75%, इंदौर में 10.76% से 4.93% घटकर 5.83% और जबलपुर में 19.5% से 14.78% हो गया है।
अलीराजपुर जिले में गरीबी की गहनता में 9.29% की गिरावट दर्ज हुई है जो 57.06% से घटकर 47.77% हो गई है। बड़वानी जिले में 7.53% की गिरावट दर्ज हुई है जो 61.6% से घटकर 49.74% हुई, झाबुआ में 7.05% घटी, धार में 49.34% से 7.04% घटकर 42.3% हो गई, जबलपुर में 45.39% से 6.71% गिरकर 38.68% और सीहोर जिले में 46.5% से 6.38% घटकर 40.12% देखी गई है। एम.पी.आई. वैल्यू अलीराजपुर जिले में 0.407 से घटकर 0.192 हो गई है, यह 0.215 की गिरावट आधे से अधिक की कमी को दर्शाता है, इसके बाद बड़वानी जिले में 0.353 से घटकर 0.167, झाबुआ जिले में 0.385 से घटकर 0.243, खंडवा में 0.202 से घटकर 0.067, 0.135 की कमी को दर्शाता है।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.