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नींद न आना भी सबसे बढ़ी समस्या, जानें कैसे?

PUBLISHED BY: Sameer Saini • LAST UPDATED : July 25, 2022, 4:45 pm IST
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नींद न आना भी सबसे बढ़ी समस्या, जानें कैसे?

5 Tips for Better Sleep

इंडिया न्यूज, Health Tips in Hindi: नींद ना आना भी एक तरह की बीमारी है, जो दुनिया में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। अनिद्रा से ग्रसित लोगों में काम पर ध्यान केंद्रित करने और एकाग्रता से जुडी समस्याएं सामान्य हैं। कई बार दिनभर काम करने, शारीरिक व मानसिक रूप से थक जाने के बाद भी अच्छी नींद नहीं आती है। सुबह जागने पर चिड़चिड़ापन बना रहता है। इसलिए जरूरी है कि रात को सोने से पहले बच्चों वाले कुछ नियमों को अपनाना चाहिए। तो आइए जानते हैं नींद न आने के लक्षण, प्रकार और वो कौन से नियम हैं जो अच्छी नींद लाने में सहायक होते हैं।

अनिद्रा के कितने प्रकार हैं?

  • प्राथमिक अनिद्रा: प्राथमिक अनिद्रा में व्यक्ति को नींद की समस्याएं होती हैं, जो किसी भी अन्य स्वास्थ्य समस्या से प्रत्यक्ष रूप से नहीं जुड़ी होती हैं।
  • माध्यमिक अनिद्रा: माध्यमिक अनिद्रा का अर्थ है कि व्यक्ति को होने वाली नींद की समस्याएं किसी अन्य कारण की वजह से होती हैं, जैसे कि स्वास्थ्य समस्या (अस्थमा, अवसाद, गठिया, कैंसर, या सीने में जलन), दर्द उसके द्वारा ली जाने वाली दवाएं या उसके द्वारा शराब जैसे पदार्थ का सेवन करना।
  • क्षणिक या अस्थायी अनिद्रा: यह तब होती है, जब लक्षण तीन रातों तक रहते हैं।
  • एक्यूट अनिद्रा: यह अल्पकालिक हो सकती है। तीव्र अनिद्रा एक रात से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकती है।
  • क्रोनिक अनिद्रा: यह एक लंबे समय के लिए रह सकती है। जब व्यक्ति को एक महीने या उससे अधिक समय तक एक सप्ताह में कम से कम तीन रातों तक अनिद्रा होती है, तो उसे ‘दीर्घकालिक अनिद्रा’ कहा जाता है।

नींद न आना के लक्षण?

हीन एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम होना। याददाश्त कमजोर होना। कुसमायोजित हो जाना। हर समय चिड़चिड़ापन रहना। सामाजिक रूप से मिलना-जुलना बंद कर देना। थके होने और पर्याप्त नींद न लेने के कारण होने वाली मोटर वाहन दुर्घटनाएं। शराब पीना या एंटीथिस्टामाइन लेना नींद न आने की समस्याओं को और बदतर कर सकता है।

इन बीमारियों का रहता है खतरा?

स्ट्रोक। अस्थमा के दौरे। मिर्गी का दौरा। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली। दर्द के प्रति संवेदनशीलता। सूजन। मोटापा। डायबिटीज। हाई ब्लड प्रेशर। हृदय रोग। डिप्रेशन होना। एंग्जायटी और भ्रम और हताशा होना।

नींद के लिए ये उपाय अपनाएं?

Follow these remedies for sleep?

  • सोने का समय निश्चित करें
    कई बार आपने देखा होगा कि घर में छोटे बच्चे समय होते ही सो जाते हैं, फिर वे कहीं पर भी हों। अच्छी नींद के लिए एक तय समय होना बहुत जरूरी होता हैै। जब आप दस दिन रात 9:30 बजे सोने का प्रयास करेंगे, तो ग्यारहवें दिन खुद-ब-खुद इस समय पर नींद आने लगेगी। तय समय पर सोने से नींद पूरी होगी और छोटे बच्चों की ही तरह सुबह भी निर्धारित समय पर नींद खुलने लगेगी।
  • बिस्तर की स्वच्छता पर दें ध्यान
    नींद की गुणवत्ता बिस्तर की स्वच्छता पर निर्भर करती है। सारा दिन बिस्तर में हल्की धूल-मिट्टी, हमारे शरीर से निकलने वाला पसीना, मृत त्वचा आदि से बेडशीट कितनी गंदी होती होगी। छोटे बच्चों की बेडशीट को प्रतिदिन बदला जाता है, धोया जाता है। साफ बेडशीट पर सोने से उन्हें गहरी नींद आती है।
  • रात में सोने से एक घंटा पूर्व गुनगुने पानी से नहाएं
    बच्चों को गुनगुने पानी से नहलाते तुरंत नींद आ जाती है। उन्हीं की तरह रात में सोने से एक घंटा पूर्व हल्के गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। ऐसा करने से सोते समय शरीर का तापमान सामान्य की तुलना में कम हो जाएगा। रक्त वाहिकाएं फैल जाएंगी व रक् त प्रवाह बढ़ेगा जिससे कि आप गहरी और मीठी नींद ले सकेंगे।
  • लोशन से मसाज करें
    छोटे बच्चों को नहलाने के बाद जब उनकी मालिश की जाती है, तो वे झट से सो जाते हैं। बच्चों की ही तरह आप भी स्नान करने के बाद और सोने से पहले शरीर पर बॉडी लोशन लगाएं और हल्के हाथों से सामान्य मसाज करें। ऐसा करने से शरीर आराम की अवस्था में पूरी तरह से आ जाएगा और जल्दी ही आपको नींद आ जाएगी।
  • कोई किताब पढ़ें
    रात में सोने से पहले कोई अच्छी कहानी पढ़ें या शांतिदायक संगीत सुनें। मोबाइल को इस पूरी प्रक्रिया को करने से पहले ही किसी कोने में रख दें। देखा होगा कि जब छोटे बच्चों को दादी-नानी कहानियां या लोरी सुनाती हैं तो उन्हें मीठी नींद आती है, इसलिए कहानी व संगीत की ये तरकीब खुद पर आजमाएं।

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