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इंडिया न्यूज, मुंबई:
Oscars 2022 : विक्की कौशल (Vicky Kaushal) स्टारर मूवी ‘सरदार उधम’ (Sardar Udham) इस साल की की सबसे शानदार फिल्म है। ऐसे में हर कोई इसी उम्मीद में था कि यह फिल्म Oscars 2022 में इंडिया की आफिशियल एंट्री बनेगी। लेकिन सरदार उधम को फिल्म फेडरेशन आफ इंडिया के 15 मेंबर्स वाली ज्यूरी ने जिस वजह से रिजेक्ट किया है, उसने हंगामा खड़ा कर दिया है।
दरअसल ज्यूरी ने 94वें ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भारत की ओर से एंट्री के लिए तमिल फिल्म ‘कुझांगल’ को चुना है। इससे किसी को कोई परेशान नहीं। दिक्कत इससे है कि फिल्म फेडरेशन आफ इंडिया के मुताबिक सरदार उधम, अंग्रेजों के खिलाफ बहुत ज्यादा नफरत दिखाती है इसलिए इसे आजकल के ग्लोबलाइजेशन के दौर में इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर भेजा जाना ठीक नहीं है।
बता दें कि आजादी के संघर्ष में सरदार उधम की कहानी अमृतसर में हुए जलियावाला बाग के हत्याकांड के बाद, इंग्लैंड में जाकर गर्वनर माइकल ओ डायर से सैकड़ों भारतीयों की मौत का बदला लेने वाले सरदार उधम की कहानी है। ये फिल्म उस इतिहास का सच है। 1919 में हुए जलियावाला नरसंहार के घाव, अब तक अमृतसर में नजर आते हैं। 20 साल के बाद 1940 में गर्वनर माइकल ओर डायर तक की हत्या के तक के सफर में सूजीत सरकार की ये फिल्म सरदार उधम नफरत नहीं, दर्द लेकर चलती है और उस कहानी को बताती है, जो उधम सिंह ने जिया।
फिल्म फेडरेशन आफ इंडिया के ज्यूरी मेंबर इंद्रदीप दास गुप्ता ने इस फिल्म के रिजेक्शन की वजह बताते हुए कहा कि सरदार उधम लंबी फिल्म है और जलियावाला बाग की घटना पर आधारित है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक की कहानी पर एक शानदार फिल्म बनाने की ये ईमानदार कोशिश है, लेकिन इस प्रोसेज में ये ब्रिटशर्स के खिलाफ हमारी नफरत को उजागर करती है।
ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में इतनी नफरत रखना अच्छी बात नहीं है। अब अगर इस फिल्म को ज्यूरी ने गौर से देखा होता, तो पता होता कि सरदार उधम जो एक चीज नहीं दिखाती, वो है नफरत। ये फिल्म दर्द दिखाती है। सरदार उधम को आस्कर्स की रेस से रिजेक्ट करने के इस तर्क पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। 2001 में आस्कर्स की रेस में भारत की ओर से एंट्री ‘लगान’ भी ऐसी ही कहानी थी। ऐसे में ज्यूरी मेंबर का ये लॉजिक लोगों के गले के नीचे नहीं उतर रहा है।
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