संबंधित खबरें
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
छत्तीसगढ़ में इंडिगो फ्लाइट को मिली धमकी, इमरजेंसी हुई लैंडिग
ऑटो में बैठी थी महिला तभी पीठ पर किसी ने फेरा हाथ, पीछे मुड़ी तो कांप गई रूह, देखें सबसे डरावने 5 मिनट की झलक
खिचड़ी बनी जानलेवा, मौत से पटना में लोगों का रो रो कर हुआ बुरा हाल
INDIA NEWS (DELHI): भारत के वित्त मंत्री बनने के बाद अरुण जेटली के फैसलों ने देश के इकोनॉमी की तस्वीर ही बदल दी। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का प्रयास किया। राजनीती में आने से पहले वह एक वकील थे। फिर वह भारत के वित्त मंत्री बने। 28 दिसंबर 1952 को अरुण जेटली का जन्म हुआ था। आज हम आपको उनके द्वारा लिए गए उन फैसलों के बारे में बताने वाले हैं।
अरुण जेटली ने साल 2014 से लेकर 2019 के बीच वित्त मंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभाई थी। वित्त मंत्री की भूमिका निभाते हुए, अरुण जेटली ने केंद्र में पांच बजट पेश किए। इस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली सभी बड़े वित्तीय और आर्थिक निर्णयों की जिम्मेदारी उठा रहे थे। अगस्त 2019 में अचानक से स्वास्थ्य ख़राब होने के कारण अरुण जेटली का निधन हो गया। आज जेटली जी का बर्थ एनिवर्सरी है , आइए जानते हैं उन्होंने कौन से पांच बड़े फैसले लिए थे।
साल 2016 में अरुण जेटली जी ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) को लागू किया। जिसने देश के दिवालियापन कानूनों को थोड़ा सरल कर दिया गया। आईबीसी ने सभी कंपनियों जो बकाया ली थी। उनसे आसानी से बकाया वसूलने की अनुमति दी है।
अरुण जेटली ने सबसे पहला फैसला गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) पर लिया। जिसे 2017 में उन्ही के कार्यकाल में लागू किया गया। उन्होंने इसे इस हिसाब से तैयार किया था कि आसानी से सभी राज्यों ने GST शासन को पारित किया जा सके। जिससे पूरे देश में पहली बार एक सिंगल टैक्सेशन योजना लागू किया गया। GST के आने से पहले एक ही वस्तु के लिए अलग-अलग टैक्स चुकाना पड़ता था। लेकिन GST के आने के बाद अलग-अलग टैक्स से आजादी मिली।
सरकार द्वारा लिए गए सबसे बड़े फैसलों में से एक डीमॉनेटाइजेशन का फैसला था। इस फैसले को लागू करने में अरुण जेटली की एक अहम भूमिका थी। सरकार ने काले धन के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए देश में चल रहे।1000 और 500 रुपये के नोट को बंद करके नए 2000 रुपये के नोट को लांच किया और 500 रुपये का नया नोट भी जारी कराया।
अरुण जेटली ने काले धन के खिलाफ एक और फैसला लिया थी। जिसे हम आय घोषणा योजना के नाम से जानते है। इसे भी साल 2016 में ही लागू किया गया और पिछले टैक्स के भुकतान के लिए लोगो के साथ कोई आपराधिक कार्यवाही न करते हुए केवल एक जुर्माना के साथ पिछले टैक्सेस का भुगतान करने के आदेश दिए गए।
रेलवे और आम बजट का विलय को लागू किया इससे पहले देश में रेलवे का बजट अलग और आम बजट अलग पेश किया जाता था।92 साल पहले से चली आ रही इस परंपरा को अरुण जेटली ने साल 2017 में खत्म कर दिया और देश का पहला संयुक्त बजट पेश किया। इस फैसले से बहुत सारे सेक्टरों के लिए पर्याप्त बजट मिला तो वही देश में बजट पेश करना भी आसान हुआ।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.