India News (इंडिया न्यूज़), Air Pollution Side Effects Newborn : एक तरफ जहां प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इससे लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। वहीं सबसे ज्यादा दिकक्त तो नवजात शिशुओं को हो रही है। वहीं नवजात शिशु के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं। बता दें कि प्रदूषित हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें होती हैं साथ ही ये गैसें नवजात के फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं और उनके श्वसन तंत्र को प्रभावित करती हैं। इसलिए, साफ हवा लेना बहुत जरूरी है।

वहीं कई रिसर्ज से पता चला है कि वायु प्रदूषण के कारण बच्चों में बच्चों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य फेफड़ों से जुड़ी लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां बढ़ रही हैं। वहीं ये बीमारियां बच्चे को जीवन भर प्रभावित कर सकती हैं।बता दें कि एक अध्यन के अनुसार प्रदूषण के कारण 2019 में 1.6 लाख नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई थी। इसके अलावा, कई बच्चों में फेफड़ों से जुड़ी लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां भी वायु प्रदूषण की वजह थी। वहीं यह आंकडें दिन व दिन बढ़ते ही जा रहे हैं।

नवजात शिशुओं को प्रदूषण से बचाने के लिए करें यह उपाय

घर के अंदर एयर प्यूरीफायर लगाएं

वहीं घर के अंदर एयर प्यूरीफायर लगाना नवजात शिशु को प्रदूषण से बचाने का एक अच्छा तरीका है। बता दें कि एयर प्यूरीफायर घर के अंदर आने वाली प्रदूषित हवा से हानिकारक कणों और गैसों को फिल्टर करता है और साथ ही यह धूल, धुएं, बैक्टीरिया आदि को भी अंदर आने से रोकता है।

बच्चों को ज्यादा घर से बाहर न ले जाएं

नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए यह बहुत जरूरी है कि ज्यादा बाहर न ले जाएं। वहीं ट्रैफिक वाले इलाकों, धूम्रपान करने वालों के पास और औद्योगिक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक होता है, ऐसी जगहों पर ले जाने से बचें। प्रदूषण से सीधा संपर्क नवजात के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए प्रदूषण से बचाव बेहद ज़रूरी है।

कमरे में पौधे लगाएं

वहीं नवजात बच्चे के कमरे में कुछ पौधे लगाना वायु प्रदूषण से बचाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। बता दें कि पौधे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके ऑक्सीजन छोड़ते हैं। वहीं पौधों से वातावरण भी स्वस्छ रहता है।

स्तनपान जरूर करवाएं

माँ का दूध बच्चे का विकास करने में बहुत मदद करता है। माँ के दूध पीने से बच्चा कई बीमारियों से लड़ता है। इसलिए नवजात की उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार स्तनपान जरूर करवाना चाहिए।

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