Categories: Live Update

Assembly Election 2022 Results Tomorrow :  जानिए क्या होती है नए विधायकों को शपथ दिलवाने में प्रोटेम स्पीकर की भूमिका?

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Assembly Election 2022 Results Tomorrow:
पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव 2022 की शुरूआत उत्तर प्रदेश (10 फरवरी) से हुई और अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश में सात मार्च को संपन्न हो हुए। 10 मार्च के रिजल्ट का सभी को इंतजार है। आपको बता दें कि रिजल्ट से पहले सभी राज्य में प्रोटेम स्पीकर चुना जाता है। क्योंकि प्रोटेम स्पीकर ही नए विधायकों को शपथ दिलवाता है। तो चलिए जानते हैं कि क्या है प्रोटेम स्पीकर, इसे चुना कैसे जाता है, क्या है इसका काम।  (up election, Punjab election, Goa election, Uttarakhand election, Manipur assembly result)

क्या है प्रोटेम स्पीकर, इसे चुनता कौन है?

  • प्रोटेम लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर से आया है। इसका मतलब होता है- कुछ समय के लिए। प्रोटेम स्पीकर अस्थायी स्पीकर होता है। विधानसभा चुनाव होने के बाद सदन को चलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर को चुना जाता है।
  • विधानसभा चुनाव के बाद विस सचिवालय की ओर से सीनियर मोस्ट विधायकों यानी जो सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतकर आए हों उसका नाम राज्यपाल के पास भेजते हैं। ज्यादातर मामलों में परंपरा रही है कि राज्यपाल सीनियर मोस्ट विधायक को ही प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करते हैं। हालांकि कई मामलों में राज्यपाल पर निर्भर होता है कि वह किसे प्रोटेम स्पीकर चुने।

क्या काम होता प्रोटेम स्पीकर, इतने अहम क्यों? (Assembly Election 2022 Results Tomorrow )

  • आपको बता दें कि प्रोटेम स्पीकर का मुख्य काम नव निर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराना है। यह पूरा कार्यक्रम प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में किया जाता है। प्रोटेम स्पीकर का काम फ्लोर टेस्ट भी करवाना होता है। हालांकि संविधान में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, काम और पावर के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया है।
  • जब किसी चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता यानी हंग असेंबली होती है। उस स्थिति में प्रोटेम स्पीकर की भूमिका काफी अहम हो जाती है। आर्टिकल 100 (1) में कहा गया है कि किसी भी सदन की बैठक में सभी प्रश्नों का हल वहां उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से किया जाएगा। इसमें स्पीकर या कार्यवाहक स्पीकर शामिल नहीं होते हैं।
  • हालांकि जब बहुमत सिद्ध करने के दौरान मामला बराबरी पर पहुंच जाता है। उस स्थिति में प्रोटेम स्पीकर का वोट निर्णायक होता है। इसी स्थिति के चलते ही कई बार प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर विवाद हो चुका है। क्योंकि ऐसे मौकों पर उनकी भूमिका काफी अहम हो जाती है। प्रोटेम स्पीकर की सबसे बड़ी ताकत होती है कि वो वोट को क्लालिफाई या डिसक्वालिफाई घोषित कर सकता है।

क्या प्रोटेम स्पीकर विवादों में रहे?

बीते कुछ सालों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण राज्यों में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर विवाद हो चुका है। सबसे नजदीकी मामला कर्नाटक, गोवा और मणिपुर का है।

क्यों सीनियर मोस्ट विधायक प्रोटेम स्पीकर बने?

कहते हैं कि कई बार सीनियर मोस्ट विधायकों को भी प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। उत्तराखंड में भाजपा ने आठ बार के विधायक हरबंस कपूर को प्रोटेम स्पीकर बनाया था। हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा ने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रोमेश धवाला को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। वह ज्वालामुखी से चार बार विधायक रहे थे। इसी तरह त्रिपुरा में बीजेपी विधायक रतन चक्रवर्ती ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ ली। वह पहले कांग्रेस के साथ थे।

क्यों हंग असेंबली होने पर जूनियर विधायक प्रोटेम स्पीकर बनाए जाते?

  • 2021 मणिपुर चुनाव में भी बीजेपी ने सबसे सीनियर मोस्ट विधायक को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाया था। बीजेपी गठबंधन यहां 21 सीटें ही जीत पाई थी। जबकि कांग्रेस 27 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी लेकिन बहुमत से दूर थी। गोवा में ऐसा ही हुआ। कांग्रेस ने यहां सबसे ज्यादा सीटें जीती लेकिन बहुमत नहीं होने से सरकार नहीं बना पाई। जबकि बीजेपी ने सरकार बना ली। सिद्धार्थ कुंकालिंकर प्रोटेम स्पीकर बने थे। वह बीजेपी के सबसे विश्वासपात्र कार्यकतार्ओं में से एक थे।
  • 2014 में मनोहर पर्रिकर के केंद्रीय मंत्री बनने के लिए कुंकालिंकर उनकी सीट से उप चुनाव जीतकर विधायक बने थे। वहीं 2017 में जब बीजेपी की सरकार बनने के बाद पर्रिकर गोवा लौटे थे तो कुंकालिंकर ने उनके लिए अपनी सीट छोड़ दी थी। वहीं गुजरात चुनावों में हंग असेंबली नहीं थी।
  • इसलिए यहां प्रोटेम स्पीकर के रूप में भाजपा की निमाबेन आचार्य की नियुक्ति पर किसी का ध्यान नहीं गया। क्योंकि वह इससे पहले एक बार ही विधायक बनी थीं और सबसे सीनियर मोस्ट विधायक नहीं थीं। लेकिन पार्टी की विश्वासपात्र थी। वहीं अगर किसी राज्य में किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला यानी हंग असेंबली हो गई। ऐसे में प्रोटेम स्पीकर का रोल काफी अहम होता है। Assembly Election 2022 Results Tomorrow

READ ALSO: Samajwadi Party Allegation Of Fraud In EVM Update : ईवीएम में धांधली के सपा के आरोपों को चुनाव आयोग ने गलत बताया

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Suman Tiwari

Recent Posts

Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में शीतलहर और कोहरे से जनजीवन पर बढ़ा प्रभाव, उड़ानें भी हुई बाधित

India News (इंडिया न्यूज), Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में शीतलहर और घने कोहरे के…

2 minutes ago

सावधान! यूपी में आज इन जिलों में बारिश के आसार, क्रिसमस के बाद का जारी हुआ अलर्ट

India News (इंडिया न्यूज़),UP Weather: प्रदेशभर में कड़ाके की सर्दी का कहर जारी है। जहां…

10 minutes ago

महाभारत में इस व्यक्ति ने द्रौपदी के लिए बिछाया था प्रेम जाल, भुगतना पड़ गया था मृत्यु दंड!

Mahabharat Kichaka Story: महाभारत की कहानी कोई साधारण कहानी नहीं है। इस दौरान पांडवों को…

13 minutes ago

Bihar Weather Update: बिहार में ठंड का बदला मिजाज, बारिश और कोहरे की संभावना

India News (इंडिया न्यूज), Bihar Weather Update: बिहार में पिछले लगभग 15 दिनों से मौसम…

16 minutes ago

यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, 3 खालिस्तानी आतंकवादियों को किया ढेर, गुरदासपुर पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से किया था हमला

पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक पुलिस चौकी पर कथित रूप से हमला करने के…

18 minutes ago

ट्रेन में सो रहा था यात्री और तभी…शख्स ने पार कर दी हैवानियत की सारी हदें, तस्वीरें और वीडियो देख दहल जाएगा कलेजा

इस हमले ने मेट्रो सुरक्षा को लेकर चिंताओं को फिर से जगा दिया है। गवर्नर…

28 minutes ago