इंडिया न्यूज़, मुंबई:
Bappi Lahiri Death: बॉलीवुड म्यूजिक इंडस्ट्री में लता मंगेशकर की डेथ के बाद अभी फैंस उभर भी नहीं पाए थे। अब म्यूजिक लवर्स को दूसरा बड़ा झटका लग गया, दरअसल बप्पी लहिड़ी के निधन की खबर ने सभी को हिला कर रख दिया। बता दें कि बप्पी लाहिड़ी का जाना फिल्म संगीत की बहुत बड़ी क्षति इसलिए भी है, क्योंकि वो बॉलीवुड फिल्म संगीत के ट्रेंड सेटर रहे हैं। अस्सी के दौर में उन्होंने डिस्को संगीत से रू-ब-रू करवाया था। बप्पी दा को याद करते ही जहन में सोने से लदे एक मुस्कुराते हुए सौम्य चेहरे की छवि उभरती है, मगर उनके संगीतमय योगदान की आभा इस सोने से कहीं अधिक है।
मां-पिता से मिली थी सुरों की विरासत
गोल्ड को गॉड मानने वाले बप्पी लहरी को सुरों की विरासत उनके माता-पिता से ही मिली थी। बप्पी दा का जन्म बंगाली ब्राह्मण परिवार में जलपाईगुड़ी में 27 नवम्बर 1952 को हुआ था। उनके माता-पिता अपरेश लहरी और बांसुरी लहरी दोनों गायक और संगीतकार थे। बप्पी दा ने तीन साल की उम्र से ही तबला बजाना शुरू कर दिया था, जिसकी शिक्षा उन्हें पिता से मिली, जो खुद जाने-माने तबला वादक रहे थे। बप्पी लाहिड़ी ने हिंदी, बंगाली के साथ दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में संगीत दिया। बतौर फिल्म संगीतकार उनके करियर की शुरूआत 1973 की फिल्म नन्हा शिकारी से हुई थी, जिसे वेटरन एक्ट्रेस तनुजा के पति और काजोल के पिता शोमु मुखर्जी ने निर्देशित किया था।
इस फिल्म के गानों को किशोर कुमार, आशा भोसले, मुकेश और सुषमा श्रेष्ठ ने आवाज दी थी। अस्सी में डिस्को म्यूजिक की पहचान बने बप्पी लाहिड़ी इससे पहले कुछ फिल्मों में मधुर संगीत भी दे चुके थे। बप्पी दा फिल्मों में संगीत देने के साथ गानों को आवाज भी देते रहे, मगर 1982 में आयी डिस्को डांसर ने ना सिर्फ बप्पी लाहिड़ी, बल्कि बॉलीवुड के संगीत की दिशा बदल दी। यह फिल्म दो ही बातों के लिए आज भी याद की जाती है- एक मिथुन चक्रवर्ती के डांस मूव्स और दूसरा बप्पी लाहिड़ी का डिस्को संगीत। इस फिल्म ने मिथुन चक्रवर्ती को रातों-रात स्टार बना दिया था और बप्पी के संगीत पर उनके डांस के स्टेप्स सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गये।
पश्चिम के संगीतकारों से काफी प्रभावित थे बप्पी लहरी
बप्पी लाहिड़ी ने अमिताभ बच्चन की कई यादगार फिल्मों को अपने संगीत से सजाया। इनमें नमक हलाल, शराबी, गिरफ्तार शामिल हैं। बप्पी दा के डिस्को का जलवा नब्बे के शुरूआती सालों में भी कायम रहा। 1990 में आयी बिग बी की फिल्म आज का अर्जुन का संगीत बप्पी दा ने दिया। बप्पी लाहिड़ी पश्चिम के संगीतकारों से काफी प्रभावित रहे थे। खासकर ऐल्विस प्रेस्ली और बीटल्स का उन पर काफी प्रभाव था। इनके अलावा इंटरनेशनल सिंगर सामंथा फॉक्स भी बप्पी दा की पसंदीदा गायिकाओं में शुमार थीं।
1995 में बप्पी लाहिड़ी ने अपनी फिल्म रॉक स्टार के गाने ट्रैफिक जाम के लिए सामंथा को लंदन से बुलाया था। फिल्म के इस खास गाने में सामंथा के साथ गोविंदा भी फीचर हुए थे। हालांकि, फिल्म में मुख्य भूमिकाएं कमल सदाना, रितु शिवपुरी, रोनित रॉय और जावेद जाफरी ने निभायी थीं। पिछले कुछ सालों में बप्पी लाहिड़ी का डिस्को संगीत एक बार फिर रीमिक्स के जरिए चर्चा में आ गया था।
2011 में बप्पी लहरी एक बार फिर सुर्खियों में छा गये थे, जब विद्या बालन की फिल्म द डर्टी पिक्चर के गाने ऊ ला ला को उन्होंने आवाज दी और अस्सी के डिस्को म्यूजिक की यादें ताजा कर दीं। 2017 में आयी वरुण धवन की फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया में उनके हिट गाने तम्मा तम्मा को रीमिक्स करके यूज किया गया था। 2020 की फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान में उनका गाना अरे प्यार कर ले को रीमिक्स किया गया था। 2020 में ही आयी टाइगर श्रॉफ की बागी 3 आखिरी हिंदी फिल्म है, जिसमें बप्पी दा की आवाज सुनायी दी। यह गाना है- भंकस।
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