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Beti Bachao Beti Padhao Scheme 2021 भारत को आजाद हुए 70 वर्ष से अधिक बीत चुके है पर कुछ लोगो की मानसिकता को शायद आजतक भी आजादी नहीं मिली है। लोगों का बेटियों को गर्व ना मानकर एक अभिशाप मानकर उनका हनन करना और हर समय बेटियों को बेटों से कम समझकर उनके सपनों का हनन करना समाज की आज तक की रीति रही है। लेकिन ऐसे विचारों को बदलने के लिए भारतीय सरकार ने बहुत सी योजनाएं शुरू की हैं। जिनमें सेबेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना है।
प्रधान मंत्री मोदी द्वारा हरियाणा के पानीपत में नींव लगाकर 22 जनवरी 2015 को शुरू की गयी थी जिसका उद्देश्य यह है की भारतवासी सभी लोग बेटियों को सामान दर्जा दे। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम की देखरेख तीन भारतीय मंत्रालयों द्वारा की गई है जिनमें महिला और बाल विकास मंत्रालय ,स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय शामिल हैं।
भारत में ऐसे बहुत सारे राज्य जिले और गांव है जहां पर आज भी बेटियों की जन्म से पहले ही हत्या कर दी जाती हैं और इसी कारण हमारे देश में बेटियों का शिशु लिंग अनुपात बहुत ही कम रह गया है। हमारे देश में हजार लड़कों पर केवल 940 लड़कियां पैदा होती हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत प्रधानमंत्री ने 100 ऐसे जिलों को चुना है जहां पर महिला लिंगानुपात पुरुष लिंग अनुपात से बहुत ही कम है। इन 100 जिलों में लोगों को बेटियों को बेटों की तरह एक समान हक देने और उनकी जन्म से पहले हत्या ना कर देने से लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बलात्कार, अत्याचार,सोषण और भ्रूण हत्या जैसी घिनौनी समस्याएं हमारी बेटियों कोना केवल खत्म कर रही थी बल्कि उनके जीवन में जहर भी घोल रही थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के बाद अब बालिका शिक्षा और काश पर काफी जोर दिया जा रहा है जिसे बालिकाओं को सरकारी विद्यालयों के द्वारा फ्री में शिक्षा मिल पा रही।
ऐसे बहुत सारे जिले हैं जिन्होंने अपने स्तर पर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और बालिका को बचाने के लिए जिला कार्य बल और ब्लॉक कार्यबल जैसे अनुसंधान घटित की दे हैं और इन संगठनों की बैठक सभी गांव और जिलों के लोगों के साथ ही जाती हैं और लोगों में जागरूकता फैलाएं जाती है।
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देश के 100 जिलों में चल रही बीजेपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अच्छे नतीजों से उत्साहित अब इसे देश के 61 और पिछड़े जिलों में लागू करने जा रही है।
1.उत्तर प्रदेश- अलीगढ़,इटावा , फिरोजाबाद, हमीरपुर, सहारनपुर,महोबा, फरुर्खाबाद जालौन, इटा, बिजनौर और मैनपुरी शामिल है।
2.दिल्ली के 2 जिले- उतर पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी।
3.गुजरात के 4 जिले-आंनद,अमरेली ,भानगर और पाटन।
4.हरियाणा के 8 जिले- गुड़गांव, फरीदाबाद ,हिसार, फतेहाबाद पंचकूला, सिरसा, पलवल ,जिंद।
5.हिमाचल प्रदेश के 2 जिल- कांगड़ा और हमीरपुर।
6.जम्मू कश्मीर के 10 जिले- श्रीनगर, बारामुला, शोंपिया, उधमपुर, बांदीपुर, कुलगाम, राजरी, सांबा, गंधेर बल और कुपवाड़ा शामिल है।
7.मध्प्रदेश के 2 जिल- रेवा और टीकमगढ़।
8.महाराष्ट्र के 6 जिले- हिंगोली ,सोलापुर,नाशिक ,लातूर ,पनाभी और पुणे।
9.पंजाब के 9 जिले- बठिंडा ,लुधियाना, हसियापुर , फरीदकोट,भगत सिंह नगर, मोगा,रूपनगर, कपूरथला, जलंधेर।
10.राजस्थान के 4 जिले- जैसलमेर जोधपुर हनुमानगढ़ और टोंक शामिल है।
11.उत्तराखंड के 3 जिले- देहरादून ,चमोली और हरिद्वार शामिल है।
इन सभी अलग-अलग राज्यों के 61 जिलों में एनडीए सरकार का केवल एक ही लक्ष्य है लिंगानुपात को कम करना और लोगों के प्रति बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
(Beti Bachao Beti Padhao Scheme 2021)
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