इंडिया न्यूज़ (गाँधीनगर):मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आज राज्य के पशुधन में व्यापक पैमाने पर पाए गए लम्पी स्किन डिसीज (एलएसडी) यानी लम्पी चर्म रोग से प्रभावित कच्छ जिले के दौरे पर पहुंचे। कृषि और पशुपालन मंत्री श्री राघवजी पटेल भी उनके साथ मौजूद रहे। उन्होंने कच्छ जिले में इस रोग से प्रभावित पशुओं को अलग रखने के लिए भुज में तैयार किए गए आइसोलेशन सेंटर का दौरा किया। उल्लेखनीय है कि पूरे कच्छ जिले में 37,840 पशु लम्पी चर्म रोग से प्रभावित हुए हैं। ऐसे प्रभावित पशुओं को क्वारंटीन कर आइसोलेशन में रखने के लिए जिले की 10 तहसीलों में 26 आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं। इन आइसोलेशन सेंटरों में प्रभावित पशुओं के उपचार के साथ उनकी स्वास्थ्य देखभाल की जा रही है.
भूपेंद्र पटेल ने भुज आइसोलेशन सेंटर का दौरा कर पशुधन को उपलब्ध कराए जा रहे उपचार और देखभाल के बारे में जानकारी हासिल की। पशुपालन विभाग और जिला प्रशासन ने कच्छ जिले में लम्पी चर्म रोग को और अधिक फैलने से रोकने के लिए अब तक सवा दो लाख से अधिक पशुधन का टीकाकरण किया है.
राज्य के जिन 20 जिलों के पशुधन में यह संक्रामक रोग पाया गया है, वहां अब तक 10 लाख 6 हजार से अधिक स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण हुआ है। जिला स्तर पर इसके लिए 6 लाख से अधिक वैक्सीन की डोज भी उपलब्ध है। पशुधन में लम्पी चर्म रोग के उपचार और टीकाकरण के कार्य को युद्धस्तर पर पूरा करने के लिए 222 पशु चिकित्सा अधिकारी और 713 पशुधन निरीक्षक गहन सर्वे,उपचार और टीकाकरण के कार्य में जुटे हैं.
इतना ही नहीं, कच्छ के अलावा जामनगर, देवभूमि द्वारका और बनासकांठा जिले में राज्य के वेटरनरी कॉलेज के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों और अध्यापकों सहित 107 सदस्य कार्यरत हैं। कामधेनु यूनिवर्सिटी के और 175 लोगों को कच्छ जिले में भेजकर टीकाकरण को गहन बनाने का निर्णय किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने टीकाकरण केंद्र का भी दौरा किया और वैक्सीन के स्टॉक और उसकी देखरेख आदि की जानकारी हासिल की। बाद में उन्होंने जिला कलक्टर कार्यालय में जिले के अधिकारियों के साथ बैठक भी आयोजित की.
मुख्यमंत्री ने जिले के पशुधन में लम्पी चर्म रोग को फैलने से रोकने के लिए रोग फैलाने वाले कीटों के नियंत्रण के उपाय और इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों को और भी गहन बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने जिले के अधिकारियों को मृत पशुओं के वैज्ञानिक ढंग से निपटान की सतर्कता बरतने की ताकीद की।उन्होंने जिले के अधिकारियों को ताकीद करते हुए कहा कि मृत पशुओं का एहतियात के साथ वैज्ञानिक ढंग से निपटान सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक में जिले के पशुओं में पाए गए लम्पी चर्म रोग के खिलाफ प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपचार एवं अन्य एहतियाती उपायों की समीक्षा भी की.
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि जिला प्रशासन टीकाकरण को लेकर लगातार प्रचार-प्रसार करे ताकि पशुपालक अपने पशुधन को इस रोग से बचाने के लिए पशु टीकाकरण कराएं। इतना ही नहीं,यह भी आवश्यक है कि इस रोग से प्रभावित लावारिस पशुओं को आइसोलेशन सेंटर में रखने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने जिले के पशुपालकों से अनुरोध किया कि यदि उनके पशु इस रोग से संक्रमित होते हैं, तो वे उसे अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग कर दें या फिर आइसोलेशन सेंटर में रख दें, तभी इस संक्रामक रोग को व्यापक रूप से फैलने से रोका जा सकेगा.
बैठक में बताया गया कि जिले में लगभग 58 पशु चिकित्सा एंबुलेंस सेवारत हैं। जिले के 964 गांवों में से 585 गांव के पशु इस रोग से प्रभावित हैं। 37 हजार पशु इस रोग का शिकार बने हैं,इनमें से 3467 मामले ही एक्टिव केस हैं। 50 हजार संक्रमित और संदिग्ध पशुओं को उपचार उपलब्ध कराया गया है। इतना ही नहीं,2.26 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया है.
जिला विकास अधिकारी श्री भव्य वर्मा ने टीकाकरण के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने कच्छ जिले में रोजाना 20 हजार पशुओं का टीकाकरण कर बाकी बचे 3.30 लाख पशुओं का गहन टीकाकरण करने की कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जिले में वैक्सीन की पर्याप्त खेप आवंटित की गई है.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के इस दौरे में उनके साथ कृषि कल्याण,सहकारिता और पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मुकेश पुरी,मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पंकज जोषी और पशुपालन निदेशक श्रीमती फाल्गुनीबेन आदि शामिल थे.
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