India News(इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार सरकार का एक फैसला फिर से विवादों का कारण बन गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने मंगलवार को छुट्टियों का एकेडमिक कैलेंडर जारी किया, जिसमें हिंदू तीज त्योहारों में होने वाली छूट्टियों को कम कर दिया। वहीं, मुस्लिम छुट्टियों को बढ़ा दिया है। इस कैलेंडर के जारी होने के बाद बीजेपी ने आरजेडी-जेडीयू की सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस पर कहा, “हिंदू छुट्टियों में कटौती की गई है, जबकि मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। इससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार राज्य में इस्लामिक धार्मिक मान्यताओं के आधार पर काम कर रही है। अगर ये छुट्टियां बहाल नहीं की गईं तो सीएम नीतीश कुमार को आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इस पर कहा,”तुष्टिकरण के नेता बिहार के कुर्सी कुमार। एक बार फिर, सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा ‘चाचा-भतीजा’ की बात सामने आ गई है। एक तरफ स्कूलों में मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियों की संख्या बढ़ाई जा रही है तो दूसरी तरफ हिंदू त्योहारों की छुट्टियां खत्म की जा रही हैं।”
वहीं आरजेडी की तरफ से इस मामले में प्रतिक्रिया आई है। आरजेडी नेता शक्ति यादव ने कहा, “भारत सरकार ने एक दिशानिर्देश जारी किया है कि स्कूलों में उपस्थिति 200 दिनों से अधिक होनी चाहिए। इसलिए, भारत सरकार द्वारा छुट्टियां कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भाजपा इस पर सवाल कैसे उठा सकती है?”
सराकार द्वारा जारी कैलेंडर में दिवाली (1), दुर्गा पूजा (3), छठ पूजा (3), और होली (2) छूट्टियां शामिल हैं। हिंदू त्योहारों पर कुल नौ दिन की छुट्टियां होती हैं। वहीं मुस्लिम त्योहारों में शब-ए-बारात (1), ईद-उल-फितर (3), ईद-उल-जोहा (3), मुहर्रम (2), चेहल्लुम (1) शामिल हैं। इसके अलाव पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन (1) छूट्टी मिलाकर कुल 11 दिनों का अवकाश रखा गया है।
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