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चर्चा में है क्यों हैं Surrogate Advertisement, बालीवुड अभिनेता छोड़ रहे कुछ विज्ञापन

Mukta • LAST UPDATED : October 18, 2021, 10:09 am IST
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चर्चा में है क्यों हैं Surrogate Advertisement, बालीवुड अभिनेता छोड़ रहे कुछ विज्ञापन

Surrogate Advertisement

इंडिया न्यूज, मुम्बई
Surrogate Advertisement : बालीवुड अभिनेताओं ने पान मसालों और इसी प्रकार के उत्पादों के विज्ञापन से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। लंबे समय से पान मसाले और पेप्सी के अंबेस्डर बने अमिताभ बच्चन भी इसी लाइन में आ गए हैं। हाल ही में एक पान मसाले के विज्ञापन से मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन (बिग बी) अलग हो गए और अनुबंध के लिए मिले पैसे भी वापस कर दिए।

इस विज्ञापन की वजह से उनके प्रशंसकों में भी नाराजगी थी, जो सोशल मीडिया पर छाया रहा। हालांकि, विज्ञापन अनुबंध से अलग होने के बाद उनकी तारीफों के पुल भी बांधे गए। कहा गया कि यह सरोगेट विज्ञापन था। आइए, जानते हैं कि ये सरोगेट विज्ञापन आखिर होता क्या है।

क्या है Surrogate Advertisement

भारत सरकार ने कई वस्तुओं के विज्ञापनों पर पाबंदी लगाई हुई है। इनमें, तंबाकू उत्पाद जैसे गुटखा, सिगरेट आदि और मदिरा के विभिन्न रूप शामिल हैं। पूर्व राज्य सभा सांसद और मीडिया के जाने-माने नाम प्रीतिश नंदी कहते हैं कि शराब बनाने वाली कंपनियां हों या गुटखा बनाने वाली या फिर सिगरेट बनाने वाली, ये सब कानूनी रूप से सीधे तौर पर अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकतीं।

उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि मान लीजिए कोई शराब बनाने वाली कंपनी है, वह उसी शराब के नाम से पानी मार्केट में बेचने लगती है और उसका विज्ञापन करती है। अब, इस मामले में कंपनी शराब का नहीं बल्कि पानी का विज्ञापन कर रही है लेकिन इससे उसके शराब का विज्ञापन भी हो रहा है क्योंकि नाम समान है। ऐसे ही विज्ञापन को सरोगेट विज्ञापन कहते हैं।

Surrogate Advertisement के लिए क्या कहते हैं नियम

विशेषज्ञ ने बताया कि सरोगेट विज्ञापन के नियम वैसे तो सख्त हैं लेकिन अगर कोई कंपनी ऐसा विज्ञापन देती है तो इसे रोकने का कोई नियम भी नहीं है। उन्होंने कहा कि शराब, सिगरेट और गुटखा बनाने वाली कंपनियां ब्रांड से मिलते-जुलते नाम से बॉटल्ड वाटर, अगरबत्ती, इलायची या फिर कपड़े बनाती है।

विज्ञापन भी ये इन्हीं प्रोडक्ट्स का करती हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि एक सिगरेट बनाने वाली कंपनी टी-शर्ट्स और अपने गारमेंट्स का विज्ञापन करती है। इससे अप्रत्यक्ष रूप से उनके मूल प्रोडक्ट सिगरेट का ही पमोशन होता है। कितनी जगहों पर आपने उस ब्रांड के कपड़े बिकते देखें हैं, जबकि उसी कंपनी का सिगरेट आपको हर जगह मिल जाएगा।

विज्ञापनों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश:

किसी भी सेलिब्रिटी को ऐसे प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों में नहीं आना चाहिए जिनके प्रोडक्ट पैकेट या विज्ञापनों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी कानूनी तौर पर जरूरी है। आपको बता दें कि हाल ही में इसके दिशानिर्देश और सख्त बना दिए हैं।

इन सेलिब्रिटीज ने भी ठुकराए आफर

आपका बता दें कि अमिताभ बच्चन इससे पहले पेप्सी का विज्ञापन नैतिक आधार पर छोड़ चुके हैं। कई और सेलिब्रिटीज ने भारी भरकम आफर्स के बावजूद, फेयरनेस क्रीम के साथ अपना नाम जोड़ना उचित नहीं समझा। इनमें प्रियंका चोपड़ा, कंगना रनोट और अभय देओल का नाम शामिल है।

(Surrogate Advertisement)

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