होम / Live Update / Bonn Cancer : हड्डियों के कैंसर के लक्षण क्या है जाने इलाज

Bonn Cancer : हड्डियों के कैंसर के लक्षण क्या है जाने इलाज

BY: Neelima Sargodha • LAST UPDATED : February 15, 2022, 4:40 pm IST
ADVERTISEMENT
Bonn Cancer : हड्डियों के कैंसर के लक्षण क्या है जाने इलाज

Bonn Cancer

Bonn Cancer

Bonn Cancer : हड्डियों का कैंसर जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि यह हमारी बोन में होने वाला कैंसर है। हड्डियों में लगातार दर्द रहना एक आम समस्या है। यह समस्या उम्रदराज या बढ़ती उम्र वालों में ज्यादा देखी जाती है। हमारी हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिंस और मिनरल्स से बनी होती हैं। इनमें से किसी भी पदार्थ की कमी हड्डियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसके अलावा आजकल की जीवनशैली भी हड्डियों की सेहत के लिए किसी खतरे से कम नहीं है।

बोन कैंसर एक गंभीर बीमारी है (Joint Pain)

कैंसर का एक प्रकार है बोन कैंसर (Bone Cancer), हालांकि इस बीमारी की शुरुआत किसी भी हड्डी से हो सकती है। लेकिन ये ज्यादातर पर ये लंबी हड्डियों जैसे बांह, पैर और पेलविस को नुकसान पहुंचाता है।

जानिए बोन कैंसर के लक्षण (Symptoms Of Bonn Cancer)

इनके लक्षणों की अगर हम बात करें तो इसमें सबसे पहले एक गांठ दिखाई देती है। इस गांठ में कोई दर्द महसूस नहीं होता है। दूसरा लक्षण है किसी भी हड्डी में लगातार दर्द। तीसरे लक्षण में आता है यदि हड्डी किसी भी मामूली चोट से टूट जाए।

अगर इन सभी लक्षण में दर्द ज्यादा बढ़ जाए तो इससे नजरअंदाज करना बड़ी भूल होगी। ये एक तरह का क्रोनिक पेन है जो पेन किलर से ठीक नहीं होता है। इसके अलावा वजन का कम होना, शरीर के प्रभावित हिस्से में सूजन भी इसके लक्षण में शामिल हैं।

Bonn Cancer Treatment

क्यों होती है ये हमें बीमारी? (Healthy Tips Of Bonn Cancer)

Bonn Cancer Treatment:बोन कैंसर की बीमारी क्यों होती है इसको पूरे यकीन के साथ कहना मुश्किल है, लेकिन इसकी मुख्य वजह पर्यावरणीय और वंशानुगत कारक हो सकते हैं। लेकिन Family में किसी को ये बीमारी हो चुकी है तो है तो बेहद मुमकिन है कि आपके अंदर भी इसके आनुवंशिक जीन मौजूद हों। साथ ही अगर इस खतरनाक बीमारी से बचना है रेडिएशन के हाई डोज से खुद को जरूर बचाव करें।

बोन कैंसर के इलाज (Treatment Of Bonn Cancer)

Bonn Cancer Treatment

ऐसे में किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने पर सबसे पहले किसी आर्थोपेडिक सर्जन को दिखाएं जिसके बाद एक्स-रे की मदद से हड्डी की हालत के बारे में पता लगाया जाता है। इसके बाद biopsy की जाती है। इसके इलाज के बारे में हम बात करें तो इसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का उपयोग किया जाता है।

1. कीमोथेरेपी

इसमें कई तरह की दवाइयों का use होता है जो हमारे शरीर में मौजूद कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर देता। इसके जरिए ट्यूमर के साइज को कम करने में मदद मिलती है जिसके बाद सर्जरी का करना थोड़ा आसान हो जाता है।

2. सर्जरी (Surgery Of Bonn Cancer)

Bonn Cancer

Bonn Cancer

सर्जरी के जरिए कैंसर युक्त ट्यूमर को हड्डी से अलग किया जाता है। इसके अलावा बेहद गंभीर स्थिति में पूरी हड्डी को शरीर से हटाना पड़ता है। ट्रीटमेंट का लेवल इस बात पर निर्भर करता है कि बोन कैंसर की बीमारी कितनी गंभीर है।

3. रेडिएशन थेरेपी

रेडिएशन थेरेपी में पावरफुर तरंगों जैसे एक्स-रे, प्रोटॉन और हाई बीम लाइट का use किया जाता है जिससे कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में मदद मिलती है। ये थेरेपी दर्द से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार है।

Bonn Cancer

READ ALSO : How To Decorate Kids Room : बच्चों का रूम डेकोरेट करते हुए अपनाएं ये टिप्स

READ ALSO : 5 Earring Style : आपको गुड लुकिंग बनाये ये इयररिंग्स स्टाइल

Connect With Us : Twitter Facebook

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT
kumbh mela

लेटेस्ट खबरें

बिना मां बाप की सहमती से बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया अकाउंट, वरना लगेगा ऐसा जुर्माना कि भरते-भरते बीत जाएंगी सात पुश्तें
बिना मां बाप की सहमती से बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया अकाउंट, वरना लगेगा ऐसा जुर्माना कि भरते-भरते बीत जाएंगी सात पुश्तें
भारत को अकड़ दिखा रहा था पाकिस्तान, भारत ने टी का मतलब समझाकर मिट्टी में मिला दिया गुरूर
भारत को अकड़ दिखा रहा था पाकिस्तान, भारत ने टी का मतलब समझाकर मिट्टी में मिला दिया गुरूर
Lucknow के सभी स्कूलों में कल से छुट्टी, क्लास 9-12 के लिए बदली टाइमिंग
Lucknow के सभी स्कूलों में कल से छुट्टी, क्लास 9-12 के लिए बदली टाइमिंग
मंडी में शौचालय में मिली युवक का शव…मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस
मंडी में शौचालय में मिली युवक का शव…मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस
प्रेमिका ने प्रेमी को फ्रूटी में मिलाकर पिलाया.. फिर 2 जगह नस में किया.. जानें होटल से बाहर निकल क्यों कर दिया ये हाल
प्रेमिका ने प्रेमी को फ्रूटी में मिलाकर पिलाया.. फिर 2 जगह नस में किया.. जानें होटल से बाहर निकल क्यों कर दिया ये हाल
सर्दियों का भक्षक है इन 3 चीज़ों का मिश्रण, शरीर में नहीं घुसने देगा एक भी रोग, बस आजमाकर देख ले एक बार!
सर्दियों का भक्षक है इन 3 चीज़ों का मिश्रण, शरीर में नहीं घुसने देगा एक भी रोग, बस आजमाकर देख ले एक बार!
भारत कर रहा था मालदीव सरकार गिराने की साजिश, दिए थे 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर! अमेरिकी रिपोर्ट देख आगबबूला हुआ विदेश मंत्रालय
भारत कर रहा था मालदीव सरकार गिराने की साजिश, दिए थे 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर! अमेरिकी रिपोर्ट देख आगबबूला हुआ विदेश मंत्रालय
लखनऊ में रहते हैं 1.75 लाख बांग्लादेशी? जानें क्या है पूरा मामला
लखनऊ में रहते हैं 1.75 लाख बांग्लादेशी? जानें क्या है पूरा मामला
उम्र कैद की सजा 14 से 20 साल में कैसे हो जाती है पूरी? आखिर इसे क्यों कहा जाता है ‘आजीवन कारावास’?
उम्र कैद की सजा 14 से 20 साल में कैसे हो जाती है पूरी? आखिर इसे क्यों कहा जाता है ‘आजीवन कारावास’?
EPFO Rules Change: साल 2025 में EPFO से जुड़े अहम बदलावों को किया गया लागू, अब नौकरीपेशा लोगों के लिए होंगे अवसर ही अवसर
EPFO Rules Change: साल 2025 में EPFO से जुड़े अहम बदलावों को किया गया लागू, अब नौकरीपेशा लोगों के लिए होंगे अवसर ही अवसर
अगले सप्ताह होगा दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान, PM मोदी भी उतरे दिल्ली के चुनावी दंगल में
अगले सप्ताह होगा दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान, PM मोदी भी उतरे दिल्ली के चुनावी दंगल में
ADVERTISEMENT