India News (इंडिया न्यूज), Lunar Eclipse 2023: हर साल शरद पूर्णिमा के दिन ठाकुर बांकेबिहारीजी महारास की मुद्रा में चंद्रमा की चांदनी में मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन देते हैं। वहीं, इस वर्ष की शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक प्रतिष्ठित तीर्थ स्थल, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में पारंपरिक दर्शन के समय में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।

आपको बता दें कि हर साल शरद पूर्णिमा पर भक्तों की भीड़ वृन्दावन में आती है, जो अलौकिक चांदनी में ठाकुर बांके बिहारी के दिव्य दर्शन को देखने के लिए उत्सुक होते हैं। लेकिन इस बार चंद्रग्रहण के कारण बांकेबिहारीजी चंद्रमा की रोशनी में नहीं बल्कि सूर्य की रोशनी में भक्तों को मुरली बजाते हुए दर्शन देंगे।

ठाकुरजी के दर्शन समय में बदलाव

शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को राजभोग सेवा के दर्शन सामान्य समय सुबह 7:45 बजे शुरू होंगे। मंदिर के कपाट सामान्य समय से एक घंटा पहले सुबह 10:55 बजे राजभोग आरती के बाद बंद हो जाएंगे। इसी तरह, शयनखोब सेवा के दर्शन, जो आमतौर पर शाम 4:30 बजे शुरू होते हैं, इस दिन दोपहर 12:30 बजे खुलेंगे। दोपहर 3:25 बजे शयनखोब आरती के बाद कपाट बंद हो जाएंगे। सूतक काल के कारण भक्त 29 अक्टूबर को सुबह 7:45 बजे नियमित समय पर ही दोबारा दर्शन कर सकेंगे।

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दरअसल, इस शरद पूर्णिमा पर भारत में दिखाई वाला वर्ष का अंतिम ग्रहण होगा। इस बार चंद्रग्रहण होने पर सूतक काल मनाया जाएगा, जो पूजा की समाप्ति का प्रतीक है और इस दौरान भक्तों को मंदिरों में प्रवेश और पूजा करने से मना किया जाता है। नतीजतन, बांके बिहारी मंदिर के साथ-साथ देश भर के अन्य मंदिरों में दर्शन सहित पूजा का समय प्रभावित होगा।

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