इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
Channi On Sidhu tweet पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को रविवार को सख्त लहजे में उनके ट्वीट का जवाब दिया। सीएम ने कहा कि सिद्धू अपना काम करें और अगर उन्होंने अपनी बात रखनी है तो पार्टी फोरम का इस्तेमाल करें। दरअसल सिद्धू ने डीजी व एजी की नियुक्ति को लेकर ट्वीट कर सीधे-सीधे सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा था।
इसके जवाब में चन्नी ने कहा कि सिद्धू पार्टी का काम करें और यदि उन्होंने अपनी कोई बात रखनी है तो पार्टी फोरम का इस्तेमाल करें। सीएम रूपनगर के मोरिंडा में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। चन्नी ने स्पष्ट तौर पर यह भी कहा कि हम दोनों तालमेल से काम करें, हम काम करना चाहते हैं और कर रहे हैं। अगर कोई किसी तरह की आपसी कोई बात पसंद नहीं आ रही तो पार्टी फोरम में बैठकर कोआर्डिनेशन कमेटी में आकर सिद्धू को बात करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का काम है वह ईमानदारी से काम करे और सबको साथ लेकर चले।
गौरतलब है कि सिद्धू इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर आक्रामक रहे हैं। कैप्टन के लिए जब सिद्धू ने मुश्किलें खड़ी की तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब चन्नी को सीएम की जिम्मेदारी दी गई तो सिद्धू उनके कामकाज में भी हस्तक्षेप करने लगे हैं। सरकार में सुनवाई न होने का आरोप लगाते हुए सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रधान के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि हाईकमान ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
चन्नी ने सिद्धू के ट्वीट पर कहा कि अभी डीजीपी की नियुक्ति होनी है। इसके लिए सीधा सा कानून है और मैंने सिद्धू से इस बारे में बात की है। उन्हें पता है। चन्नी ने कहा कि पंजाब का डीजीपी लगाने के लिए उन अधिकारियों के नाम केंद्र सरकार को भेजे गए हैं, जिनकी सेवा तीस साल पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि तीन नामों का पैनल केंद्र सरकार ने हमें भेजना है। उन्हीं नामों को लेकर सिद्धू और विधायकों व मंत्रियों के साथ बातचीत करके डीजीपी लगाया जाएगा। डीजीपी लगेगा तभी, जब केंद्र का पैनल आएगा। अभी अस्थायी प्रबंध किए गए हैं।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को ट्वीट कर एक बार फिर पंजाब के पुलिस प्रमुख और महाधिवक्ता को हटाने की मांग दोहराई। इसी पर चन्नी ने उनको जवाब दिया है। सिद्धू ने कहा था कि अगर इन्हें बदला नहीं गया तो हमारे पास कोई चेहरा नहीं होगा। बता दें कि डीजीपी और महाधिवक्ता की नियुक्ति के विरोध में ही सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी और महाधिवक्ता (एजी) को बदलने का लगातार दवाब बना रहे हैं। इस्तीफे के बाद चन्नी और सिद्धू के बीच चंडीगढ़ में पंजाब भवन में एक बैठक भी हुई । इस बैठक में भी सिद्धू ने डीजीपी और महाधिवक्ता को बदलने की मांग उठाई थी। इसके बाद तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। यह कमेटी बड़े फैसलों से पहले परामर्श करेगी।
मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि जो 58 साल का हो गया है वो सरकारी कर्मचारी अधिकारी अपनी सीट खाली करे, ताकि नए नौजवानों के लिए सीट खाली हो सके। इसके लिए स्पष्ट कानून है जिनके 58 साल पूरे हो गए हैं वह छुट्टी करके जाएं। नए लड़कों को भर्ती किया जाए। इसके लिए तय कर लिया गया है और किसी को भी इसमें राहत नहीं दी जाएगी।
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