India News (इंडिया न्यूज), Rupesh Kumar Singh, Chatra News: चतरा का एकलौता सरकारी बस स्टैंड भगवान भरोसे है। यहां ना तो पेयजल की व्यवस्था है और न ही सार्वजनिक शौचालय की। ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी महिला यात्रियों को उठानी पड़ती है। उन्हें व्यवस्था के अभाव में दैनिक कार्यों के निष्पादन में शर्मसार तक होना पड़ता है। हालांकि नगर परिषद के द्वारा लाखों रुपया टैक्स की वसूली की जाती है। लेकिन सुविधा की बात करें तो लगभग शून्य है।

सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बस स्टैंड का करती है दावे

फिलहाल बस स्टैंड कीचड़ में तब्दील हो चुका है। कई यात्री कीचड़ में गिर भी रहै हैं। फिर भी नगर परिषद के द्वारा बस स्टैंड में सुविधा बहाल नहीं कि जा रही है। बस संचालकों की मानें तो बस स्टैंड में किसी भी तरह की सुविधा उन्हें नहीं मयस्सर होता है। सड़क पर गाड़ी खड़ी करते हैं, तो पुलिस उन्हें भगा देती है। बस स्टैंड में कीचड़ भर चुकी है। ऐसे में बस कहां खड़ी करें यह उन्हें समझ नहीं आ रहा है। वहीं यात्रियों ने बताया कि चतरा का दुर्भाग्य है कि इस तरह का बस स्टैंड देखने को मिल रहा है। जबकि सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैश स्वक्ष व सुंदर बस पड़ाव देने की दावे करती है। जो कहीं न कहीं व्यवस्था को मुँह चिढ़ाने को काफी है।

अधिकारी बोले जल्द ही व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा

बताते चलें कि चतरा शहर के पनसलवा-देवरिया ईलाके में अवस्थित बस स्टैंड से प्रतिदिन सैंकड़ों बसों का आवागमन होता है। जो यहां से यात्रियों को लेकर झारखंड, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, यूपी, दिल्ली व छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न राज्यों के दर्जनों जिलों में जाति है। बावजूद राज्य स्तरीय बस पड़ाव होने के बाद भी यहां सुविधा नगन्य होना अपने आप मे दुर्भाग्यपूर्ण है।

हालांकि नगर परिषद के अधिकारी जलेद ही व्यवस्था को दुरुस्त करते हुए लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराकर मीडिया को सूचित करने की बात कर रहे हैं। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय मे भी सरकारी बस स्टैंड की दशा और दिशा सुधरती है या यात्री इसी तरह परेशान रहकर सरकार को कोशते नजर आते हैं।

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