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India News (इंडिया न्यूज) Datia Assembly Constituency: देश में चुनावी माहौल के बीच जबरदस्त राजनीतिक गर्माहट देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों चुनाव आयोग के द्वारा पांच राज्यों में चुनाव के तारीख की घोषणा के बाद ऐसा लग रहा है कि, सभी राजनितिक पार्टियां जनता के ऊपर अपना सारा प्रेम निछावर करने वाली है। इसी कड़ी को ध्यान में रखते हुए आज हम मध्यप्रदेश के चुनावी माहौल की बात करेंगे। जहां सियासत में गजब की गर्माहट है।
बात अगर मध्यप्रदेश के प्रमुख सीटों पर राजनीतिक माहौल की करें तो मध्य प्रदेश का दतिया जिला प्रदेश (Datia Assembly Constituency) की बेहद चर्चित सीटों में शुमार है। क्योंकि इस सीट को प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का गढ़ बोला जाता है। अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाने वाले नरोत्तम मिश्रा इस सीट पर पीछले तीन बार से जीत हासिल कर रहे है। जिसके बाद देखने वाली बात ये है कि, आखिर भाजपा के लिए सबसे खास सीट को जितने के लिए कांग्रेस अपने किस दांव का प्रयोग करती है। आईए पहले समझते है कुछ चुनावी दांवपेच।
हमने शुरूआत में ही आपको बताया कि, मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सदैव से ही अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते है। वहीं दतिया विधानसभा सीट पर 2008 से जीत हासिल कर रहे है। हां ये कह सकते है कि, 2018 के चुनाव में दतिया विधानसभा सीट पर बेहद कांटे का मुकाबला रहा था। तब के चुनाव में 9 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला रहा लेकिन मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के नरोत्तम मिश्रा और कांग्रेस के राजेंद्र भारती के बीच ही था।
जहां नरोत्तम मिश्रा को 72,209 वोट मिले तो कांग्रेस के राजेंद्र भारती के खाते में 69,553 वोट आएं। कांटेदार मुकाबला के बीच दतिया की जनता ने नरोत्तम मिश्रा को विजय बनाया। 2,656 मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया। बता दें कि, पिछले चुनाव में जारी रिपोर्ट के अनुसार दतिया सीट पर कुल 1,89,130 वोटर्स थे, जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,01,684 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 87,435 थी. इसमें से 1,45,285 (77.9%) वोट पड़े। NOTA के पक्ष में 2,085 (1.1%) वोट डाले गए।
चलिए अब आपको दतिया सीट के कुछ इतिहास के बारे में बतातें है। आपके जानकारी के लिए बता दें कि, शुरूआत से ही इस सीच पर भाजपा बनाम कांग्रेस की लड़ाई चलती रही है। जहां पिछले तीन बार से कांग्रेस के राजेंद्र भारती गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा से सीधा मुकाबला कर रहे हैं। लेकिन हर बार भारती को हार का सामना करना पड़ा है। जानकारी के लिए बता दें कि, पहली बार गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ 2008 में चुनाव लड़ा। तब उन्होंने मायावती की पार्टी बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
जिसमें उन्हें 23,256 वोट मिले जबकि नरोत्तम मिश्रा ने 34,889 वोट हासिल कर बड़ी जीत हासिल की थी। फिर 2013 में डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने 57,438 वोट हासिल कर राजेंद्र भारती लगभग 12000 वोट से हराया। जहां राजेंद्र भारती को 45,357 वोट मिले थे। वहीं 2018 में भी यही कहानी दोहराई गई लेकिन इस बार मुकाबला बेहद कांटेदार रहा। लेकिन नरोत्तम मिश्रा की जीत हुई। बता दें कि, शुरूआत में यानी 1990 में इस सीट पर भाजपा का कंट्रोल था जिसके बाद 1993 में यह कांग्रेस के पास आ गई. जबकि 1998 में यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई थी।
इन सब के बीच प्रदश के इस खास सीट पर जातिय राजनीति भी अहम भूमिका में निभाने वाली है। क्योंकि दतिया विधानसभा सीट कुशवाह और ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र है। इसमें से करीब 25 से 30 हजार ब्राह्मण हैं तो कुशवाह समाज के भी 30 से 35 हजार वोट हैं। इस वजह से पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ब्राह्मण के रूप में टिकट की मांग कर रहे है। बता दें कि, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ब्राह्मण चेहरा हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले दतिया सीट को लेकर एक बार फिर कांग्रेस सक्रिय होती हुई नजर आ रही है। जहां हाल ही में बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस में आए पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व उपाध्यक्ष और दर्जा प्राप्त मंत्री अवधेश नायक दतिया सीट पर सक्रिय हो गए हैं और टिकट की दौड़ में बने हुए हैं। अवधेश नायक ने भी गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के सामने 2008 में ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनशक्ति पार्टी से चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था।
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