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इंडिया न्यूज, Dussehra Celebration In Chandigarh : देशभर में बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य की जीत दशहरे का पर्व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। लगभग हर शहर, गांव और कस्बों में रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले लगे हैं जिन्हें शाम को जलाया जाएगा। लेकिन बड़ी खबर चंडीगढ़ से आ रही है। यहां मेघनाद के पुतले को जलाने की इतनी जल्दी थी कि एक दिन पहले ही इसका दहन कर दिया।
इस दहन को शरारती तत्वों की करतूत ही कहेंगे कि आधी रात को करीब दो बजे कुछ युवक फाच्यूनर गाड़ी में आए और इस वारदात को अंजाम देकर चले गए। लोगों का कहना है कि ये बुराई नामक रावण इन युवकों के भीतर ही बस रहा था। हुआ यूं कि सेक्टर-46 के सब्जी मंडी ग्राउंड में इस वारदात को अंजाम दिया। बीती रात करीब 2:00 बजे फॉर्च्यूनर गाड़ी में कुछ युवक मंडी ग्राउंड में आए थे। इन्होंने पुतले में आग लगाई और मौके से फरार हो गए। पुलिस मौके पर पहुंचकर घटना की जांच कर रही है।
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आग की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंची और उस पर काबू पाया गया। तब तक पुतला काफी जल चुका था। गौरतलब है कि चंडीगढ़ के सेक्टर-46 में शहर के सबसे ऊंचे 92 फीट के रावण के पुतले का दहन होना है। रावण के पुतले के साथ 80 और 85 फीट के कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भी तैयार किए गए थे। कमेटी की तरफ से इस बार रावण दहन को आकर्षक बनाने के लिए रावण के साथ-साथ अन्य पुतलों को खास तरह से तैयार किया गया था। चंडीगढ़ में दशहरे पर करीब 40 स्थानों पर दहन किए जाने वाले रावण के पुतलों में से सबसे ऊंचा (92 फीट) सेक्टर-46 का पुतला है।
रावण दहन से पहले रामायण पर 12 मिनट का लेजर शो होगा। इस दौरान लाइट एंड साउंड शो भी आयोजित किया जाएगा। रावण के पुतले को रथ पर रखा गया है और इसकी गर्दन 360 डिग्री पर घूमेगी। वहीं सेक्टर 29 में जलाया जाने वाला रावण का पुतला 75 फुट लंबा है, जबकि सेक्टर 17 परेड ग्राउंड में रावण का पुतला 70 फीट ऊंचा है।
चूंकि ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल के आदेश देर से आए, इसलिए दशहरा समितियों को पुतलों में अंतिम समय में बदलाव करना पड़ा। 2020 में कोविड के कारण दशहरे पर कोई पुतला नहीं जलाया गया था। पिछले साल, कुछ समितियों ने पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद समारोह आयोजित किया था। आयोजन स्थलों पर अग्नि सुरक्षा वाहन और आपातकालीन वैन तैनात रहेंगी।
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