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Google Apple Android New Privacy Policy: जानिए क्यों खास है गूगल की एंड्रॉयड यूजर्स नई प्राइवेसी पॉलिसी?

PUBLISHED BY: Suman Tiwari • LAST UPDATED : February 20, 2022, 2:17 pm IST
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Google Apple Android New Privacy Policy: जानिए क्यों खास है गूगल की एंड्रॉयड यूजर्स नई प्राइवेसी पॉलिसी?

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Google Apple Android New Privacy Policy:
हाल ही में गूगल ने ऐलान किया है कि वह अपने एंड्रॉयड मोबाइल ऐप्स के लिए नए प्राइवेसी प्रतिबंध अपनाएगा। ऐसा वह इस लिए करेगा ताकी एंड्रायड डिवाइसेज पर ऐप्स की ओर से की जाने वाली यूजर्स की एडवर्टाइजमेंट ट्रैकिंग में कटौती हो सके।

Google की यह Privacy Policy यूजर्सों के लिए शायद फायदेमंद हो सकती है, पर इससे फेसबुक पर काफी असर पड़ सकता है। क्योंकि फेसबुक दुनिया की चर्चित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जिसे एपल के सिक्योरिटी फीचर की वजह से काफी नुकसान झेलना पड़ा है। तो आइए जानते हैं कि Google एंड्रॉयड ऐप्स की प्राइवेसी सेंटिंग में क्या बदलाव करेगा। इस बदलाव से उसके यूजर्स और अन्य कंपनियों पर क्या असर पड़ेगा।

क्या है गूगल की नई पॉलिसी? (What is Google’s new policy)

दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल अपने एंड्रॉयड मोबाइल यूजर्स की प्राइवेसी को और सुरक्षित बनाने के लिए एक नई पॉलिसी ला रहा है। इसके तहत Google अपने एंड्रॉयड इकोसिस्टम के लिए एक ‘प्राइवेसी सैंडबॉक्स’ डेवलप कर रहा है। गूगल अपने क्रोम ब्राउजर्स के लिए 2019 में ही ये पॉलिसी लागू कर चुका है।

Google Apple Android New Privacy Policy

क्या खासियत है नई प्राइवेसी पॉलिसी में?

  • इस पॉलिसी के जरिए ऐप्स की ओर से यूजर के डेटा को थर्ड पार्टी के साथ शेयर करने को सीमित किया जाएगा। सीधे शब्दों में कहें तो गूगल अपने एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म के लिए एक नया प्राइवेसी टूल डेवलप कर रहा है जो ऐप्स द्वारा यूजर्स से जुड़े एडवर्टाइजमेंट डेटा कलेक्शन को सीमित कर देगा।
  • ऐप्स को बनाने वाली कंपनियां यूजर्स के एडवर्टाइजमेंट डेटा का इस्तेमाल अपने ऐप्स में यूजर के एटवर्टाइजमेंट बिहेवियर को ट्रैक करने में करती हैं। दरअसल, जब भी कोई यूजर्स अपने फोन से कोई भी एटवर्टाइजमेंट सर्च करता है, तो उसके फोन में मौजूद ऐप्स उसके इस सर्च बिहैवियर पर नजर रखते हैं, यानी उसके सर्च बिहैवियर को ट्रैक करते हैं।
  • यूजर्स के इस डेटा का यूज ऐप्स न केवल उस यूजर्स को उसके इंट्रेस्ट के हिसाब से टारगेट एडवर्टाइजमेंट दिखाने में करते हैं बल्कि कई बार ये डाटा थर्ड पार्टी यानी दूसरी कंपनियों को भी बेच दिया जाता है। गूगल इस नई पॉलिसी में ”टॉपिक” का फॉमूर्ला अपनाएगा, जिसमें एटवर्टाइजर्स को यूजर की रुचि वाले ”टॉपिक” के बारे में तो पता चल जाएगा, लेकिन उसे ये नहीं पता चलेगा कि यूजर ने कौन सी वेबसाइट सर्च की थी। (Google Apple Android New Privacy Policy)
  • गूगल की ये पहल उन कंपनियों के लिए झटका साबित हो सकती है, जो कस्टमर बिहैवियर को ट्रैक करके और उन्हें ऐड दिखाकर या इस डेटा को किसी थर्ड पार्टी को बेचकर पैसा कमाती हैं। इस नीति से गूगल का उद्देश्य यूजर्स की प्राइवेसी पॉलिसी और कंपनियों के एडवर्टाइजमेंट के बीच बैलेंस बनाना है।
  • गूगल ने कहा है कि वह एंड्रॉयड यूजर्स की एडवर्टाइजमेंट आईडी की जगह लेने वाली नई प्राइवेसी-फोकस्ड पॉलिसी डेवलप कर रहा है। गूगल जो नई पॉलिसी ला रहा है उसकी सबसे खास बात ये है कि उसने यूजर्स की प्राइवेसी के साथ-साथ कंपनियों का ध्यान रखा जाएगा। यही वजह है कि वह मौजूदा एडवर्टाइजमेंट नीति को कम से कम दो साल तक जारी रखेगा।
  • यानी अगले दो सालों तक ऐप्स के एंड्रॉयड यूजर्स के एडवर्टाइजमेंट बिहैवियर को ट्रैक करने वाली एडवर्टाइजमेंट आईडी की नीति जारी रहेगी। गूगल ने कहा है कि इस नई पॉलिसी को लागू करने में कम से कम दो से तीन सालों का समय लगेगा।

एडवर्टाइजमेंट आईडी क्या है? (Google Apple Android New Privacy Policy)

गूगल एडवर्टाइजमेंट आईडी एक यूनीक आईडी होती है, जो यूजर्स के डिवाइस (स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर) की पहचान करती है। यूजर्स की एडवर्टाइजमेंट आईडी के जरिए अक्सर कंपनियां कंज्यूमर्स की एडवर्टाइजमेंट सर्च से जुड़ी जानकारी ट्रैक करती हैं और और उसे शेयर करने में मदद करती है।

Google Apple Android New Privacy Policy

फेसबुक जैसी कंपनियों को क्यों हुआ नुकसान?

  • गूगल से पहले पिछले साल एपल ने अपने आईफोन स्मार्टफोन यूजर्स के लिए नई प्राइवेसी पॉलिसी की घोषणा की थी। एपल की नई पॉलिसी के मुताबिक, उसके यूजर्स के पास एडवर्टाइमजमेंट ट्रैकिंग करने वाले ऐप्स को ब्लॉक करने का आप्शन है।
  • इसके अनुसार, आईफोन यूजर्स को अपने फोन में कोई भी ऐप खोलने पर एक आॅप्शन दिखेगा, जहां उनके पास उस ऐप को उन्हें एडवर्टाइजमेंट के लिए ट्रैक करने की अनुमति देने या न देने का आॅप्शन होगा।
  • एपल के इस बदलाव का प्रभाव उन दिग्गज इंटरनेट कंपनियों पर पड़ा, जो कमाई के लिए एडवर्टाइजमेंट पर निर्भर करती हैं। फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने हाल ही में कहा था कि एपल की इस प्राइवेसी पॉलिसी से उसे इस साल करीब 10 अरब डॉलर (करीब 74 हजार करोड़ रुपए) का नुकसान होने की संभावना है।
  • इससे मेटा के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट आई और एक दिन में कंपनी की मार्केट वैल्यू 230 अरब डॉलर (17 लाख करोड़ रुपए) घट गई। इससे मेटा का मार्केट कैप 600 अरब डॉलर (4.4 लाख अरब रुपए) से नीचे आ गया। पिछले साल जून में मेटा का मार्केट कैपिटल एक खरब डॉलर था।

क्या एपल से अलग होगी गूगल पॉलिसी? (Will Google policy be different from Apple)

गूगल ने इशारा किया है कि वह एपल के रास्ते पर नहीं चलेगा। कंपनी ने अपने बयान में बिना एपल का नाम लिए उसकी ऐप ट्रैकिंग पर प्रतिबंध लगाने की आलोचना करते हुए कहा कि अन्य प्लेटफार्मों ने एडवर्टाइजमेंट प्राइवेसी के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपनाया है, जिसने डेवलपर्स और एडवर्टाइजर्स की ओर से यूज की जाने वाली मौजूदा तकनीकों पर स्पष्ट रूप से बैन लगा दिया। एपल की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए गूगल ने कहा कि ऐसे नियम अप्रभावी साबित हो सकते हैं और यूजर प्राइवेसी और डेवलपर बिजनेस पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

क्या फेसबुक पर असर पड़ेगा? (will facebook be affected)

  • गूगल की ऐप्स को लेकर आने वाली इस नई प्राइवेसी पॉलिसी से फेसबुक जैसी उन कंपनियों पर असर पड़ सकता है, जो ऐप्स के जरिए यूजर्स के एडवर्टाइजमेंट बिहैवियर को ट्रैक करने पर निर्भर हैं।
  • एपल की प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव से फेसबुक को जबर्दस्त नुकसान हुआ है। लेकिन माना जा रहा है कि एपल से उलट गूगल की प्राइवेसी पॉलिसी से कंपनियों को उतना नुकसान नहीं पहुंचेगा। दरअसल, गूगल सीधे कंपनियों के यूजर्स के एडवर्टाइजमेंट बिहैवियर ट्रैकिंग को ब्लॉक नहीं कर रहा है, बल्कि इसके लिए तैयार होने के लिए कंपनियों को दो साल का समय दे रहा है।
  • प्राइवेसी पॉलिसी पर ध्यान केंद्रित करने से गूगल को दुनिया भर की सरकारों की नाराजगी से बचने में मदद मिल सकती है। दरअसल, हाल के समय में सरकारें और कंज्यूमर अपने पर्सनल डाटा को लेकर ज्यादा जागरूक और चिंतित रहे हैं। गूगल ने कहा कि वह रेगुलेटर्स के साथ मिलकर काम करेगा।

एपल और गूगल की प्राइवेसी पॉलिसी में क्या अंतर? 

  • एपल आईफोन यूजर्स के लिए साल 2021 में लाया था नई प्राइवेसी पॉलिसी।
  • एपल की पॉलिसी से फेसबुक को 2022 में 74 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान।
  • आईफोन यूजर्स के पास विज्ञापन ट्रैकिंग करने वाले ऐप्स को ब्लॉक करने का आप्शन है।
  • गूगल की पॉलिसी एपल जितनी सख्त नहीं होगी। कंपनियों को देगा दो साल का मौका।
  • आईफोन यूजर्स के पास ऐप्स को विज्ञापन ट्रैकिंग की अनुमति देने या न देने का विकल्प है।
  • गूगल ने एपल की पॉलिसी की आलोचना करते हुए कहा है कि इसके बुरे परिणाम होंगे।

Google Apple Android New Privacy Policy

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