Coal Crisis
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कोयला की कमी के कारण देश में बिजली संकट गहराने वाला है। अगर ऐसा हुआ तो घरेलु और कॉमर्शियल बिजली की सप्लाई में कमी आ जाएगी। जिसके कारण काम धंधे प्रभावित हो जाएंगे। कुछ इस तरह की बातें आजकल लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। लेकिन सरकार ने इन अफवाहों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि न तो देश में कोयला की कमी है न ही बिजली से संबधित कोई विकट स्थिति बनने वाली है।
वहीं दूसरी ओर दिल्ली, पंजाब समेत कई अन्य राज्यों ने भी प्रधानमंत्री को समस्या के समाधान के लिए पत्राचार किया है, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह ने बिजली कमी की बात कहते हुए लग रहे अघोषित कटों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि प्रदेश में अगर कोयला की आपूर्ति नहीं की गई तो पावर संकट गहरा जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बिजली संयंत्रों में कोयला समाप्त होने की बात कहते हुए पीएम को पत्र लिख दखल देने की बात कहते हुए कोयला उपलब्ध करवाने की मांग की है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल की बात का खंडन करते हुए ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि दिल्ली के पास फिरहार 3 से 4 दिन का कोयला मौजूद है, समय रहते और कोयला पहुंच जाएगा।
135 प्लांट से बनती है देश की 70 फीसदी बिजली
भारत में कोयला से बिजली बनाने वाले प्लांटों पर कोयला की कमी के चलते संकट गहराने लगा है। कोयले पर निर्भर इन संयंत्रों से ही देश में 70 फीसदी बिजली का उत्पादन किया जाता है। जो अब कोयला भंडारण की कमी से जूझ रहे हैं। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के अनुसार देश में कोयले से बिजली बनाने वाले कुल 135 प्लांट हैं, जिनमें आधे से अधिक के पास केवल सितंबर के अंत तक केवल तीन चार दिनों का ही स्टॉक बचा है।
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Coal India देश की सबसे बड़ी कोल उत्पादक
सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड भारत के 8 राज्यों में 85 खनन क्षेत्रों में काम कर रही है। Coal India की 345 कोयला खदानें हैं। सीआईएल भारत में होने वाले कुल कोयला उत्पादन का करीब 83 प्रतिशत अकेले ही उत्पदान करने वाली कंपनी है। देश में फिलहाल 57 प्रतिशत प्राथमिक वाणिज्यिक ऊर्जा कोयले पर ही आश्रित है, जिसका 40 प्रतिशत केवल सीआईएल पूरा कर रही है। इसी प्रकार कोल इंडिया ने अभुतपूर्व कार्य करते हुए 596.22 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर लक्ष्य का 90 प्रतिशत आंकड़ा छू लिया है।
Adani Group ने बोली में दो खदानें की हासिल
सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को कोयला खदानें देने के लिए गत वर्ष पॉलिसी बनाई थी जिसके तहत कोयले की तीन खानें नीलाम करने करने का फैसला लिया था। कोल खानों में एक ओर जहां सनफ्लेग एंड आॅयरन कपंनी ने रूची दिखाई वहीं Adani Group भी मैदान में डटी हुई थी। सोमवार को हुई इस बोली प्रक्रिया में अडानी की कंपनी ने दो कोयला खानें हासिल कर ली हैं। वहीं सरकारी सूत्रों की मानें तो अभी 5 अन्य की नीलामी होनी बाकी है, जो कि मंगलवार और बुधवार को हो सकती हैं। कमर्शियल इस्तेमाल के लिए नीलाम की जा रही कोयला खदानों से सरकार को 7 हजार करोड़ की आमदन होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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