India News (इंडिया न्यूज), Health News : वायु प्रदूषण की वजह से लोगों का हवा में सांस लेना दूषित हो गया है, वहीं लोगों का दम घुटने लगा है। बता दें कि प्रदूषण का असर सिर्फ गर्भवती महिलाओं पर ही नहीं बल्कि उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर भी हो रहा है। बता दें कि प्रदूषण के कारण हवा में गैस और कुछ हानिकारक कण भर गए है। जिससे सांस लेने में बहुत दिक्कत हो रही है। यह कण सामान्य लोगों के लिए नुकसानदायक तो है ही बल्कि गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे शिशु के लिए और भी खतरनाक है।

शरीर में वायु प्रदूषण के कण मिले

बता दें कि हाल ही में वैज्ञानिकों को पहली बार तीन महीने के भ्रूण के शरीर में वायु प्रदूषण के कण मिले हैं। भ्रूण के लिवर, फेफड़ों और मस्तिष्क से नैनो पार्टिकल्स पाए गए है। यह इस बात का सबूत है कि मां के सांस के द्वारा प्रदूषण प्लेसेंटा को पार करके भ्रूण तक पहुंच जाता है। जिससे गर्भवती महिलाओं के द्वारा प्रदूषित हवा में सांस लेने से शिशु के मस्तिष्क और फेफड़ों का विकास प्रभावित होता है। वहीं इससे बच्चे में कम वजन, सीखने की कमी और बौद्धिक विकलांगता जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती है।

प्रदूषित हवा से शिशु पर क्या-क्या प्रभाव पड़ता है

वहीं शोधों की माने तो प्रदूषित हवा में सांस लेने से गर्भ में पल रहें शिशु के मस्तिष्क और फेफड़ों का विकास प्रभावित होता है। वहीं प्रदूषित हवा में सांस लेने से गर्भ में पल रहे शिशु का वजन कम होता है। कम वजन के कारण बच्चे में कई स्वास्थय समस्याएं देखने को मिलती है।

बता दें कि शोधों के अनुसार प्रदूषित हवा में सांस लेने से बच्चे में सीखने और समझने की क्षमता कम हो जाती है।

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