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एंडोमेट्रियोसिस की समस्या होने पर अक्सर महिलाएं चिंतित होती हैं कि वो मां बन पाएंगी या नहीं। एंडोमेट्रियोसिस की समस्या प्रजनन यानी रिप्रोडक्टिव की उम्र के दौरान 10 में से 1 महिला को प्रभावित करती है, दुनिया भर में करीब 176 मिलियन महिलाओं को ये समस्या है। जिसमें कई महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती। लेकिन ये भी सच है कि एंडोमेट्रियोसिस वाली अधिकांश महिलाएं बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के गर्भवती हो सकती हैं। एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित लगभग एक तिहाई महिलाओं को प्रजनन क्षमता और गर्भवती होने के कुछ मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है।
एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित लगभग 30 प्रतिशत महिलाओं को गर्भवती होने में परेशानी होती है। लेकिन सही इलाज़ और देखरेख के साथ कंसीव करना संभव है। क्योंकि इस बीमारी में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जैसे एंडोमेट्रियोसिस के कारण ट्यूबों और अंडाशयों पर निशान पड़ना और अंडे की गुणवत्ता में कमी हो सकती है।
इससे पहले कि आप गर्भवती होने की कोशिश करना शुरू करें। उससे पहले जरूरी है किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। डॉक्टर ब्लड टेस्ट के ज़रिए एंटी-मुलरियन हार्मोन (एएमएच) परीक्षण करा सकते हैं। इसके साथ ही एंडोमेट्रियोसिस फर्टिलिटी इंडेक्स (ईएफआई) जैसे उपकरण से ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि प्राकृतिक तरीकों से या आईवीएफ आप गर्भधारण कर पाएंगी। उसके अनुसार डॉक्टर आपको सलाह देंगे कौनसा तरीका आपके लिए बेहतर है।
एंडोमेट्रियोसिस का वास्तव में निदान सर्जरी है। सर्जिकल एंडोमेट्रियोसिस उपचार आपके ओवेरियन रिवर्स को कम कर सकते हैं। इसके अलावा प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से भी एंडोमेट्रियोटिक पैच, सिस्ट, नोड्यूल को हटाकर दर्द को कम किया जा सकता, जिससे प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है।
एंडोमेट्रियोसिस पीड़ितों में आईवीएफ की सफलता बाकी प्रजनन समस्याओं की अपेक्षा लगभग आधी है। लेकिन एंडोमेट्रियोसिस वाली कई महिलाएं आईवीएफ उपचार के साथ सफलतापूर्वक गर्भवती भी होती हैं। आईवीएफ की सलाह अक्सर मीडियम से गंभीर एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को दी जाती है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।
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